________________
570
हू... - VII. ii.5
है- VIII. iv. 61 देखें-हम्यन्तक्षण VII. ii.5
(झय् प्रत्याहार से उत्तर) हकार को विकल्प से पूर्वसवर्ण ह-प्रत्याहारसूत्र V
आदेश होता है)। आचार्य पाणिनि द्वारा अपने पञ्चम प्रत्याहारसूत्र में ...हतिषु- VI. iii. 53 पठित प्रथम वर्ण।
देखें-हिमकाविहतिषु VI. iii. 53 पाणिनि द्वारा अष्टाध्यायी के आदि में पठित वर्णमाला ...हतेषु-VI. iii. 42 . का दसवाँ वर्ण।
देखें-घरूप VI. iii. 42 ह-प्रत्याहारसूत्र XIV
हन्..-III. iv. 36 आचार्य पाणिनि द्वारा अपने चौदहवें तथा अन्तिम देखें-हकृज्यहः III. iv. 36 प्रत्याहारसूत्र में पठित वर्ण।
...हन्... - VI. iv. 12 पाणिनि द्वारा अष्टाध्यायी के आदि में पठित वर्णमाला
देखें-इन्हन्पूषाo VI. iv. 12 का वर्ण।
....हन...-III. ii. 154
देखें- लषपत III. 1. 154 ह...-III. ii. 116 देखें-हशश्वतो: III. I. 116
...हन... -III. ii. 171
देखें-आदृगम III. ii. 171 ह-v.ill. 13
...हन... -VI..iv. 16 (वेदविषय में सप्तम्यन्त किम् शब्द से विकल्प से) ह
देखें- अज्झनगमाम् VI. iv. 16 - प्रत्यय (भी) होता है।
...हन...-VI. iv. 62 ह-VIII. 1.60
देखें- अज्झन VI. iv. 62 इसस युक्त प्रथमातडन्त विभाक्त का क्षिया ...हन...-VI.iv.98 गम्यमान होने पर अनुदात्त नहीं होता)।
देखें-गमहन VI.iv.98 F-III. 1. 148
...हन्... - VI. iv. 135 गत्यर्थक ओहाइ और त्यागार्थक ओहाक धात से देखें-पूर्वहन VI. iv. 135 (वीहि और काल अभिधेय हो तो 'ण्युट' प्रत्यय होता ...हन... - VII. 1. 68
देखें-गमहन VII. ii.68
हन-I. ii. 14 है-V.Iii. 11 (सप्तम्यन्त इदम् प्रातिपदिक से) ह प्रत्यय होता है।
हन धातु से परे (सिच प्रत्यय आत्मनेपद विषय में F-VII. 1.54
कित्वत् होता है)। (हन घात के) हकार के स्थान में (कवर्गादेश होता है: ...हन:-1.11.28 जित्, णित् प्रत्यय तथा नकार परे रहते)।
देखें- यमहनI. iii. 28 ह-VII. iv. 52
हनः-II. iv. 42 (तास् और अस् के सकार को) हकारादेश होता है. हन् धातु को (वध आदेश होता है, आर्धधातुक लिङ् (एकार परे रहते)।
परे रहते)। है-VIII. II. 31
हन: -III. 1. 108 हकार के स्थान में (ढकार आदेश होता है, झल परे रहते (अनुपसर्ग) हन् धातु से (सुबन्त उपपद रहते भाव में या पदान्त में)।
__क्यप् प्रत्यय और तकारान्तादेश होता है)।
.