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स्त्रवति...
...स्यो
...स्यो : -I. iil. 38
स्यसनो:-VIII. iii. 117 देखें-भीस्योः I. iii. 38
स्य तथा सन् प्रत्यय के परे रहते (पत्र धातु के सकार स्य..-I. iii. 92 .
को मूर्धन्य आदेश नहीं होता)। देखें-स्यसनोः I. iii. 92
स्यसिसीयुट्तासिषु- VI. iv. 62 स्य.. -III. 1.33 देखें-स्यतासी III. I. 33
(भाव तथा कर्मविषयक) स्य, सिच, सीयुट् और तास् स्य..-VI. iv. 62
के परे रहते (उपदेश में अजन्त धातुओं तथा हन,ग्रह एवं देखें-स्यसिसीयुटOVI. iv. 62
दृश् धातुओं को चिण् के समान विकल्प से कार्य होता स्य..-VIII. iii. 117 देखें-स्यसनो: VIII. iii. 117
...स्या:-VII.i. 12 स्य-VI.i. 129
देखें-इनात्स्या : VII.i. 12 स्य शब्द के (स का वेदविषय में हल परे रहते बहुल स्याट्-VII. iii. 114 करके लोप हो जाता है,संहिता के विषय में)। (आबन्त सर्वनाम अङ्ग से उत्तर ङित् प्रत्यय को) स्याट स्यतासी-III. 1. 33
आगम होता है (तथा उस आबन्त सर्वनाम को हस्व भी (धातु से लू = लुट्, लुङ् तथा लुट् परे रहते यथासंख्य हो जाता है)। करके) स्य तथा तास् प्रत्यय हो जाते हैं।
स्यात्-I. ii. 55 ...स्यति... - VII. iv. 40
(सम्बन्ध को प्रमाण मानकर संज्ञा करें तो भी उसके देखें-धतिस्यति VII. iv. 40
अभाव होने पर उस संज्ञा का अदर्शन) होना चाहिये.(पर ...स्यति... -VIII. iii.65
वह होता नहीं है)। देखें- सुनोतिसुवतिO VIII. iii.65
स्यात्-v.i. 16 ...स्यति... -VIII. iv. 17 - देखें-गदनदO VIII. iv. 17
(प्रथमासमर्थ प्रातिपदिक से षष्ठ्यर्थ में तथा प्रथमासस्यदः -VI, iv. 28
मर्थ प्रातिपदिक से सप्तम्यर्थ में यथाविहित प्रत्यय होता (वेग अभिधेय होने पर घञ् परे रहते) स्यद शब्द निपा
है) यदि वह प्रथमासमर्थ प्रातिपदिक स्यात् = 'सम्भव
हो', क्रिया के साथ समानाधिकरण वाला हो तो। तन किया जाता है। स्यन्दते- VIII. iii. 72
स्ये- VII. ii.7 - (अनु, वि,परि, अभि, नि उपसर्गों से उत्तर) स्यन्द धात् (ऋकारान्त तथा हन् धातु के) स्य को (इट् आगम होता
के (सकार को मूर्धन्य आदेश होता है, यदि प्राणी का है)। . कथन न हो रहा हो तो)।
...स्त्रक्... -III. 1.59 . ...स्यन्दो:-VI. iv. 31
देखें-ऋत्विग्दधक III. ii.59 . देखें-स्कन्दिस्यन्दो: VI. iv.31
...स्वज:-v.ii. 121 "...स्यमि.. - VI.i. 19
देखें- अस्मायामेधाov.ii. 121 देखें- स्वपिस्यमि. VI. i. 19
...स्त्रम्भ:- III. 1. 143 स्यसनो:-I. 1. 92
देखें-कवलस III. ii. 143 स्य और सन प्रत्ययों के होने पर (वतादि धातओं से स्रवति... - VII. iv. 81 विकल्प करके परस्मैपद होता है)।
देखें-स्त्रवतिणोति० VII. iv.81