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... सेना...
... सेना... - III. ii. 17 देखें - भिक्षासेनाo III. ii. 17
.... सेनाङ्गानाम् - II. iv. 2
देखें - प्राणितूर्यसेनाङ्गानाम् II. iv. 2 सेनान्त... - IV. 1. 152 देखें - सेनान्तलक्षणo IV. 1. 152 सेनान्तलक्षणकारिभ्य: - IV. 1. 152
सेना अन्त वाले प्रातिपदिकों से, लक्षण शब्द से तथा कार = शिल्पीवाची प्रातिपदिकों से (भी अपत्यार्थ में ण्य प्रत्यय होता है) ।
सेनाया: - IV. iv. 45
(द्वितीयासमर्थ) सेना प्रातिपदिक से (इकट्ठा होता है'अर्थ में विकल्प से ण्य प्रत्यय होता है, पक्ष में ढक्) । सेनासुराच्छायाशालानिशानाम् - II. iv. 25 (नञ्कर्मधारयवर्जित) सेना, सुरा, छाया, शाला, निशाशब्दान्त (तत्पुरुष विकल्प से नपुंसकलिङ्ग में होता है)। सेव... - VIII. iii. 70
देखें- सेवसितo VIII. iii. 70
... सेवन... - I. iii. 32
देखें- गन्धनाव क्षेपणसेवनo I. iii. 32 सेवसितसयसिवु सहसुट्स्तुस्वञ्जाम् VIII. iii. 70
556
(परि, नि तथा वि उपसर्ग से उत्तर) सेव, सित, सय, सिवु, सह, सुट, स्तु तथा स्व के (सकार को मूर्धन्य आदेश होता है, सित शब्द से पहले-पहले अड्-व्यवाय एवं अभ्यास- व्यवाय में भी होता है)।
सेवित... - VI. 1. 140
देखें- सेवितासेवितo VI. 1. 140
...से ... - VII. 1. 9
देखें - तितुo VII. 1. 9
सेसेनसेऽसेक्सेक सेनध्यै अध्यैन्क ध्यैकध्यैन्शध्यैशध्यैन्तवैतवेतवेन: - III. iv. 9
(वेदविषय में तुमर्थ में धातु से) से, सेन, असे, असेन, क्से, कसेन, अध्यै, अध्यैन, कध्यै, कध्यैन्, शध्यै, शध्यैनन्, तवै तवे, तवेन् प्रत्यय होते हैं।
... सैन्धवेषु - VI. ii. 72
देखें - गोबिडालo VI. ii. 72
सो: - VI. ii. 117
सु से उत्तर (मन् अन्त वालें तथा अस् अन्त वाले उत्तरपद शब्द को बहुव्रीहि समास में आद्युदात्त होता है, लोमन् तथा उषस् शब्दों को छोड़कर) ।
सो
- VI. ii. 195
उपसर्ग से उत्तर (उत्तरपद को तत्पुरुष में अन्तोदात्त होता है, निन्दा गम्यमान हो तो)।
सोढ - VIII. iii. 115
सोढ़ के (सकार को मूर्धन्यादेश नहीं होता) ।
सोमात्
सोढम् – IV. iii. 52
(प्रथमासमर्थ कालवाची) सहन किया समानाधिकरण प्रातिपदिक से (षष्ठ्यर्थ में यथाविहित प्रत्यय होता है)। सोदरात् - IV. iv. 109
(सप्तमीसमर्थ) सोदर प्रातिपदिक से (शयन किया हुआ' अर्थ में य प्रत्यय होता है ) । सोपसर्गम् - VIII. 1. 53
(गत्यर्थक धातुओं के लोडन्त से युक्त) उपसर्गरहित (एवम् उत्तमपुरुषवर्जित जो लोडन्त तिङन्त, उसे विकल्प करके अनुदात्त नहीं होता, यदि कारक सभी अन्य न हों तो) ।
सोम... - VI. iii. 26
देखें - सोमवरुणयो: VI. iii. 26 सोम... - VI. iii. 130
देखें - सोमाश्वेन्द्रियo VI. iii. 130
सोमम् - IV. iv. 137
(द्वितीयासमर्थ) सोम प्रातिपदिक से (अर्हति' अर्थ में य प्रत्यय होता है) ।
सोमवरुणयो: - VI. iii. 26
(देवतावाची द्वन्द्व समास में) सोम तथा वरुण शब्द उत्तरपद रहते (अग्नि शब्द को ईकारादेश होता है) । ... सोमाः - VIII. iii. 82
देखें- स्तुत्स्तोमसोमा: VIII. iii. 82 सोमात् - IV. 1. 29
(प्रथमासमर्थ देवतावाची) सोम शब्द से (षष्ठ्यर्थ में 'ट्यण्' प्रत्यय होता है)।