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विंशतित्रिंशद्भ्याम्
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विंशतित्रिंशद्भ्याम् - V.i. 24
...वीराः- III. iii.96 विंशति तथा त्रिंशद् प्रातिपदिकों से (तदर्हति'-पर्यन्त देखें-वृषेक III. 1.96 कथित अर्थों में ड्युन् प्रत्यय होता है, सञ्जाभिन्न विषय ...वी? - VI. I. 120 में)।
देखें-वीरवीयों VI. I. 120 ...विंशत: - V. 1. 46
...वीवध- VI. iii.59 देखें-शदन्तर्विशते: V.ii. 46
देखें-मन्थौदन VI. iii. 59 विंशत: -VI. iv. 142
वुक्-IV. 1. 125 (भसज्ज्ञक) विंशति अङ्ग के (ति का डित् प्रत्यय परे
(धू प्रातिपदिक से अपत्य अर्थ में ढक् प्रत्यय होता है रहते लोप होता है)।
तथा 5 को) वुक् का आगम भी होता है। विंशत्यादिभ्यः -V. 1.56
वु -IV. 1. 120 (षष्ठीसमर्थ) सङ्ख्यावाची विंशति आदि प्रातिपदिकों (वर्गु नाम वाले देशविषयक कन्था प्रातिपदिक से) वुक् से (पूरण अर्थ में विहित डट् प्रत्यय को विकल्प से तमट् ।
प्रत्यय होता है। आगम होता है)।
बुक् -VI. iv.88 वी-II. iv.56
(भू अङ्ग को) वुक् आगम होता है, (लुङ् तथा लिट् (अज धातु के स्थान में घ और अपवर्जित आर्धधातुक अजादि प्रत्यय के परे रहते)। . परे रहते) वी आदेश होता है।
...वुचौ -v.ii. 80 ...वीणा... - III. 1.25
देखें-अडचुचौ v. iii. 80 . .. देखें-सत्यापपाश III. 1.25
दुब्-III. I. 146 ...वीणा.. -VI. 1. 187
(निन्द, हिंस, क्लिश,खाद,वि + नाश, परि + क्षिप, देखें-स्फिगपूत VI. I. 187
परि +रट, परि + वादि, वि + आ + भाष तथा वीणायाम् -III. iii. 65
असूय - इन धातुओं से तच्छीलादि कर्ता हों तो वीणा विषय होने पर (नी पूर्वक तथा अनुपसर्ग भी
वर्तमानकाल में) वुञ् प्रत्यय होता है। क्वण् धातु से कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में विकल्प
दुष्-IV. il. 38 से अप् प्रत्यय होता है,पक्ष में घज)।
(षष्ठीसमर्थ गोत्रवाची शब्दों से तथा उक्षन, उष्ट्र, उरभ्र, ...वीप्सयो: - VIII. 1.4
राजन, राजन्य, राजपुत्र, वत्स, मनुष्य तथा अज शब्दों से देखें - नित्यवीप्सयो: VIII. I. 4
समूह अर्थ में) वुज प्रत्यय होता है।' ...वीप्सासु-I. iv. 89
दुष्- IV. ii. 52 देखें - लक्षणेत्यम्भूताख्यानभागवीप्सासु I. iv. 89
(षष्ठीसमर्थ राजन्यादि प्रातिपदिकों से 'विषयो देशे' . वीयते: -VI.1.53
अर्थ में) वुञ् प्रत्यय होता है। (प्रजन अर्थ में वर्तमान) वी धातु के (एच के स्थान में विकल्प से आकारादेश हो जाता है,णिच परे रहते)। दुष्... - IV. 1. 79 वीर... -VI. II. 120
देखें-बुज्छकठजिल• IV. ii. 79 देखें-वीरवीयाँ VI. II. 120
दुष्- IV. ii. 120 वीरवीयौँ - VI. ii. 120
(देश में वर्तमान धन्ववाची तथा यकार उपधावाले (बहुव्रीहि समास में स से उत्तर) वीर तथा वीर्यशब्दों वृद्धसंज्ञक प्रातिपदिकों से शैषिक) वुञ् प्रत्यय होता है। को (भी वेदविषय में आधुदात्त होता है)।
दुष् - IV. ii. 133 ...वीरा: -II.1.57
(मनुष्य या मनुष्य में स्थित कोई कर्मादि अभिधेय हो देखें - पूर्वापरप्रथमचरम० II. 1. 57
तो कच्छादि प्रातिपदिकों से) वुज प्रत्यय होता है।