________________
लुक्
लुक्-VI. iv. 104
(चिण से उत्तर प्रत्यय का) लुक होता है। लुक् - VI. iv. 153
(बिल्वकादि शब्दों से उत्तर भसञक छ का) लुक् होता ।
लुक् -IV. iv. 24
(तृतीयासमर्थ लवण प्रातिपदिक से मिला हुआ अर्थ में उत्पन्न प्रत्यय का) लुक् होता है। . लुक्-IV.in.79
द्वितीयासमर्थ एकधुर प्रातिपदिक से 'ढोता है' अर्थ में ख प्रत्यय तथा उसका) लोप होता है। लुक्-IV. iv. 125
(उपधान मन्त्र समानाधिकरण प्रथमासमर्थ मतबन्त प्रातिपदिक से षष्ठयर्थ में यत प्रत्यय होता है, यदि षष्ठयर्थ में निर्दिष्ट ईंटें ही हों तथा मतुप का) लुक् (भी) हो जाता है, (वेदविषय में)। लुक् -v.i. 28
(अध्यर्द्ध शब्द पूर्व हो जिसके उससे तथा द्विगु-सञक प्रातिपदिक से 'तदर्हति'-पर्यन्त कथित अर्थों में उत्पन्न प्रत्यय का) लुक होता है, (सञ्जाविषय को छोड़कर)। लुक्...-.1.54
देखें-लुक्खौ v.1.54 लुक्-V.1.87
द्वितीयासमर्थ वर्ष-शब्दान्त द्विगुसज्ञक प्रातिपदिकों से 'सत्कारपूर्वक व्यापार', 'खरीदा हुआ', 'हो चुका' तथा 'होने वाला'-इन अर्थों में विकल्प करके ख प्रत्यय तथा विकल्प से) प्रत्यय का लुक् होता है। लुक्-V.1.60
(अध्याय' और 'अनुवाक' अभिषेक होने पर मत्वर्थ में विहित छ प्रत्यय का) लुक् हो जाता है। लुक् -V.ii.77
(ग्रहण क्रिया के समानाधिकरणवाची पूरण-प्रत्ययान्त प्रातिपदिक से स्वार्थ में कन् प्रत्यय होता है तथा विकल्प से) पूरण प्रत्यय का लुक भी हो जाता है। लुक् - V. iii. 30
(दिशा, देश और काल अर्थों में वर्तमान सप्तम्यन्त, पञ्चम्यन्त तथा प्रथमान्त अधातु बन्सवाले दिशावाची प्रातिपदिकों से उत्पन्न अस्ताति प्रत्यय का) लुक होता
लुक् - VII. I. 22
(षट्सङ्घक से उत्तर जश, शस् का) लुक होता है। ...लुक्...- VII. 1. 39
देखें-सुलुक० VII. I. 39 ... लुक्-VII. iii. 73
(दुह प्रपूरणे,दिह उपचये,लिह आस्वादने, गुहू संवरणे- . इन धातुओं के क्स का विकल्प से) लुक् होता है, (दन्त्य अक्षर आदि वाले आत्मनेपद-सजक प्रत्ययों के परे रहते)। लुकि - VII. II. 89
(उकारान्त अङ्ग को) लुक् हो जाने पर (हलादि पित् सार्वधातुक परे रहते वृद्धि होती है)।
(ऋकार उपधावाले अंङ्ग के अभ्यास को रुकु, रिक् तथा चकार से रीक आगम होता है। यडलक में। ...लकोः -VII. iv. 82
देखें-यालुको: VII. iv.32 ...लुको - V. 1.51 ..
देखें-कन्तुको V. 11.51 ....लुकौ - VII. ii. 39
देखें-नुम्लुको VII. iii. 39 लुक्खौ -.1.54
(द्वितीयासमर्थ द्विगुसज्ञक कुलिजशब्दान्त प्रातिपदिक से 'सम्भव है', अवहरण' करता है तथा पकाता है' अर्थों में) प्रत्यय का लुक,ख प्रत्यय (तथा ष्ठन् प्रत्यय होते है)। लु लुलुफ-I.1.60
लक, श्ल, लुप संज्ञायें (प्रत्यय के अदर्शन की होती
लुक्-V. 1.65
विन और मतुप प्रत्ययों का) लुक होता है; (अजादि अर्थात् इष्ठन् ईयसुन् प्रत्यय परे रहते)।
लुङ... - I. lil. 61 देखें-लुङ्लिो : I. ii. 61