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..ब्राह्मणादिभ्यः
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भक्तात्
....ब्राह्मणादिभ्यः - V.i. 123
ब्रुव-III. iv.84 देखें-गुणवचनब्राह्मणाov.i. 123
बू धातु से परे (लट् लकार के स्थान में जो परस्मैपदब्राह्मणे -II. 1. 60
संज्ञक आदि के पाँच - तिप, तस्, झि,सिप, थस् आदेश ब्राह्मणविषयक प्रयोग होने पर (व्यवहारार्थक 'दिव्' । उनके स्थान में क्रमशः - णल, अतुस, उस, थल, अथुस् धातु के कर्म कारक में द्वितीया विभक्ति होती है)। विकल्प से हो जाते हैं,साथ ही बू धातु को आह आदेश । ब्राह्मणे-v.i. 61
भी हो जाता है)। (परिमाण समानाधिकरण वाले प्रथमासमर्थ त्रिंशत् तथा बुक - VII. iii. 13 चत्वारिंशत् प्रातिपदिकों से षष्ठ्यर्थ में सक्षा के विषय बज अङ्ग से उत्तर (हलादि पित् सार्वधातुक को ईट् होने पर डण प्रत्यय होता है).ब्राह्मण ग्रन्थ अभिधेय हो
आगम होता है)। तों।
...ब्रवोः -II. iii. 61 ...ब्राह्मणेषु - VI. ii. 69
देखें - प्रेष्यबुवोः II. iii. 61 देखें - गोत्रान्तेवासिo VI. ii. 69
ब्रूहि.. - VIII. ii. 91 ...बुव.. -VI. iii. 42
देखें - ब्रूहिप्रेष्य VIII. ii. 91 देखें - घरूप VI. iii. 42
ब्रूहिप्रेष्यत्रौषड्वौषडावहानाम् - VIII. 1. 91 बुवः -II. iv.53
. बूहि,प्रेष्य,श्रौषट्, वौषट्, आवह – इन पदों के (आदि । — 'बूज्' धातु को (वच् आदेश होता है, आर्धधातुक के को यज्ञकर्म में प्लुत उदात्त होता है)। विषय में)।
भ-प्रत्याहारसूत्र VIII
भकुर्छ राम् - VIII. ii. 79 आचार्य पाणिनि द्वारा अपने अष्टम प्रत्याहारसूत्र में रेफ तथा वकारान्त) भसज्जक एवं कुर, छुर् धातु की पठित द्वितीय वर्ण।
(उपधा को दीर्घ नहीं होता)। पाणिनि द्वारा अष्टाध्यायी के आदि में पठित वर्णमाला ...भक्तली-IV. 1. 53 का इक्कीसवां वर्ण।
देखें - विधल्भक्तलौ IV. ii. 53. ...भ... - V.ii. 138
भक्ताख्याः – VI. I. 71 देखें-बभयुस्o v. ii. 138
अन्न की आख्यावाले शब्दों को (उस अन्न के लिये भ..-VIII. ii.69
जो पात्रादि, तवाची शब्द के उत्तरपद रहते आधुदात्त
होता है)। देखें - भकुर्छ राम् VIII. 1. 69 भ:-V.ii. 139
भक्तात् - IV.iv.68 (तुन्दि, बलि तथा वटि प्रातिपदिकों से मत्वर्थ में) भ
(प्रथमासमर्थ) भक्त प्रातिपदिक से (इसको नियतरूप
से दिया जाता है', अर्थ में विकल्प से अण् प्रत्यय होता प्रत्यय होता है।
है, पक्ष में ठक्)। तुन्दि = तोंद।
भक्तात् - IV. iv. 100 बलि = आहुति, भेंट, दैनिक आहार।
(सप्तमीसमर्थ) भक्त प्रातिपदिक से (साधु अर्थ में ण वटि = चींटी या जूं।
प्रत्यय होता है)।