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पुगन्त...
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पुंयोगात्
पुगन्त.. - VII. ill.86
देखें - पुगन्तलघूपधस्य VII. iii. 86 पुगन्तलघूपधस्य-VII. 11.86
पुक परे रहने पर तत्समीपस्थ अङ्ग के इक् को तथा लघुसज्जक इक उपधा को (भी सार्वधातुक तथा आर्धधातुक प्रत्यय परे रहते गुण हो जाता है)। पुच्छ... -III. 1. 20
देखें-पुच्छभाण्डचीवरात् III. 1. 20 ...पुच्छ... -V.i. 19
देखें- अगोपुच्छ V.i. 19 पुच्छभाण्डचीवरात्-III. I. 20 .
पुच्छ,भाण्ड,चीवर-इन (कमों) से (णि प्रत्यय होता है, क्रियाविशेष को कहने में)। ...पुञ्जि.. - VIII. iii. 97
देखें- अम्बाम्ब० VIII. iii. 97 पुण्यम् -VI. 1. 152
(सप्तम्यन्त से परे उत्तरपद) पुण्य शब्द को (अन्तोदात्त होता है)। ....पुण्यात् - V.iv.87
देखें - सवैकदेश V.iv.87 ....पुण्येषु-III. ii. 89
-सुकमे III. 1.89 ...पुत्र... -VIII. 1.53
देखें-पतिपुत्र VIII. Iii. 53 पुत्र -VI. ii. 132 (तत्पुरुष समास में पुंल्लिङ्गवाची शब्द से उत्तर) पुत्र शब्द उत्तरपद को (आधुदात्त होता है)। पुत्रपत्योः - VI. 1. 13
(ष्यङ् को सम्प्रसारण होता है),यदि पत्र तथा पति शब्द उत्तरपद हों तो (तत्पुरुष समास में)। ...पुत्रपौत्रम् -V.ii. 10
देखें - परोवरपरम्पर० V. ii. 10 पुत्रस्य -VIII. iv.47
(आक्रोश गम्यमान हो दो आदिनी शब्द परे रहते) पुत्र शब्द को द्वित्व नहीं होता)। पुत्रात् - V. 1. 39
(षष्ठीसमर्थ) पत्र प्रातिपदिक से (कारण' अर्थ में छ तथा यत् प्रत्यय होते हैं,यदि वह कारण संयोग वा उत्पात हो तो)।
पुत्रान्तात् -IV.I. 159
(गोत्र से भिन्न वृद्धसंज्ञक) पुत्रान्त प्रातिपदिक से फिञ् प्रत्यय (पूर्वसूत्रविहित) परे रहते पर विकल्प से कुक् आगम होता है।। पुत्रे - VI. iii. 21
पुत्र शब्द उत्तरपद रहते (आक्रोश गम्यमान होने पर विकल्प करके षष्ठी का अलुक् होता है)। ...पुत्रौ-I. 1.68
देखें- प्रातृपुत्रौ I. ii. 68 ....पुनर्वसु... - IV. iii. 34
देखें-अविष्ठाफल्गुन्यनुo IV. iii.34 पुनर्वस्वोः - I. ii. 61
वेदविषय में पुनर्वसु (नक्षत्र) के (द्वित्व अर्थ में विकल्प से एकत्व होता है)। ....पुनर्वस्वोः - 1. ii. 63
देखें-तिष्यपुनर्वस्वो: I. 1.63 ...पुम्... -VI.i. 165
देखें-ऊडिदम् VI.i. 165 पुम् - VII. iv. 19
(पलू अङ्ग को अङ् परे रहते) पुम् आगम होता है। पुमः -VIII. 1.6 .
(अम् प्रत्याहार परे है जिससे, ऐसे खय् के परे रहते) . पुम् को (रु आदेश होता है,संहिता में)। पुमान् -I. 1.67
पुंल्लिङ्ग शब्द (स्त्रीलिङ्ग शब्द के साथ शेष रह जाता है, यदि उन शब्दों में स्त्रीत्व पुंस्त्वकृत ही विशेष हो, अन्य प्रकृति आदि सब समान ही हो)। पुम्थ्यः -VI. 1. 132 (तत्पुरुष समास में) पुंल्लिङ्गवाची शब्दों से उत्तर (पुत्र शब्द उत्तरपद को आधुदात्त होता है)। पुंयोगात् - IV. 1.48
पुरुष के साथ सम्बन्ध होने के कारण (जो प्रातिपदिक स्त्रीलिङ्ग में वर्तमान हो तथा पुल्लिङ्ग को पहले कह चुका हो, ऐसे अदन्त अनुपसर्जन) प्रातिपदिक से (ङीष् प्रत्यय होता है)।