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तत्
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तत् - IV. 1. 66
(अस्ति समानाधिकरण वाले) प्रथमासमर्थ प्रातिपदिक से (सप्तम्यर्थ में यथाविहित प्रत्यय होता है, यदि सप्तम्यर्थ से निर्दिष्ट उस नामवाला देश हो, इतिकरण विवक्षार्थ है) । तत् - V. ii. 82
प्रथमासमर्थ प्रातिपदिक से (सप्तम्यर्थ में कन् प्रत्यय होता है, यदि वह प्रथमासमर्थ बहुल करके सञ्ज्ञाविषय अन्नविषयक हो तो) ।
तत् - Viv. 21
प्रथमासमर्थ प्रातिपदिक से (प्रभूत' अर्थ में मयट् प्रत्यय होता है।
... तत्... - VIII. iii. 103
देखें- युष्पतत्ततक्षुः षु० VIII. iii. 103
ततः - IV. 1. 74
पञ्चमीसमर्थ प्रातिपदिक से (आया हुआ' अर्थ में यथाविहित प्रत्यय होता है) ।
... ततक्षुःषु - VIII. iii. 103
देखें - युष्मत्तत्ततक्षुःषु VIII. iii. 103
तत्कालस्य - I. 1. 69
(त् परे वाला तथा त् से परे वाला वर्ण) स्वकालसवर्ण एवं स्वरूप के ग्राहक होते हैं, (भिन्नकाल वाले सवर्ण का नहीं ।
तत्कृत - II. 1. 29
(तृतीयान्त सुबन्त) तत्कृत = तृतीयान्तार्थकृत (गुणवाची शब्द के साथ समास को प्राप्त होता है और वह तत्पुरुष समास होता है) ।
तत्पुरुषः - I. ii. 42
(समान है अधिकरण जिनका, ऐसे पदों वाला) तत्पुरुष (कर्मधारयसंज्ञक होता है)।
तत्पुरुष: - II. i. 21
=
तत्पुरुष पूर्वाचार्यों द्वारा विहित उत्तरपदार्थप्रधान समास की संज्ञा - यह अधिकार सूत्र है ।
तत्पुरुषः - II. iv. 19
तत्पुरुष समास (नञ् और कर्मधारय को छोड़कर नपुंसकलिङ्ग होता है)।
तठप्रत्ययस्य
...तत्पुरुषयोः - II. iv. 26 देखें - द्वन्द्वतत्पुरुषयोः II. iv. 26
तत्पुरुषस्य - V. iv. 86
(सङख्या तथा अव्यय आदि में है जिस अङगुलि शब्दान्त तत्पुरुष समास के (तदन्त प्रातिपदिक से समासान्त अच् प्रत्यय होता है)।
तत्पुरुषात् - V. 1. 120
(यहां से आगे जो भावार्थक प्रत्यय कहे जायेंगे, वे नञ्पूर्व) तत्पुरुष समास युक्त प्रातिपदिकों से (नहीं; होंगे चतुर, संगत, लवण, वट, युध, कत, रस तथा लस शब्दों को छोड़कर) ।
तत्पुरुषात् - V. iv. 71
( नञ् से परे जो शब्द, तदन्त) तत्पुरुष से (समासान्त प्रत्यय नहीं होता) ।
तत्पुरुषे - VI. 1. 13
( यङ् को सम्प्रसारण होता है, यदि पुत्र तथा पति शब्द उत्तरपद हो तो), तत्पुरुष समास 1
तत्पुरुषे - VI. ii. 2
तत्पुरुष समास में (पूर्वपदस्थानीय तुल्यार्थक, तृतीयान्त, सप्तम्यन्त उपमानभूतार्थवाचक, अध्ययसंज्ञक, द्वितीयान्त तथा कृत्यप्रत्ययान्त शब्दों का स्वर प्रकृतिवत् रहता है)। तत्पुरुवे - VII. 1. 122
(नपुंसकलिङ्ग वाले शालाशब्दान्त) तत्पुरुष समास में (उत्तरपद को आद्युदात्त होता है ) । -
तत्पुरुषे - VI. ii. 193
(प्रति उपसर्ग से उत्तर) तत्पुरुष समास में (अश्वादिगणपठित शब्दों को अन्तोदात्त होता है)।
तत्पुरुषे - VI. iii. 13
तत्पुरुष समास में (कृदन्त शब्द उत्तरपद रहते बहुल करके सप्तमी का अलुक् होता है) ।
तत्पुरुषे - VI. iii. 100
( को ) तत्पुरुष समास में (अजादि शब्द उत्तरपद हो तो कत् आदेश होता है)।
तत्प्रत्ययस्य - VII. iii. 29
तत् = ढक्प्रत्ययान्त ( प्रवाहण = वाहन अङ्ग) के (उत्तरपद के अचों में आदि अच् को भी वृद्धि होती है,