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णि
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णि -III.1.20
णिनि: -III. ii. 78 (पुच्छ,भाण्ड और चीवर कमों से क्रियाविशेष गम्यमान (धातुओं से अजातिवाची सुबन्त उपपद रहते होने पर) णिङ् प्रत्यय होता है।
ताच्छील्य= तत्स्वभावता गम्यमान होने पर) णिनि प्रत्यय
होता है। णिङ्-III. I. 30 (कम् धातु से) णिङ् प्रत्यय होता है।
णिनि: -III. iii. 170
(आवश्यक और आधमर्ण्य वाच्य हो तो धातु से) णिनि •णिच् -III.1.21
प्रत्यय होता है। . (मुण्ड, मिश्र, श्लक्ष्ण, लवण, व्रत, वस्त्र, हल, कल, कृत, तूस्त - इन कर्मों से 'करोति' अर्थ में) णिच् प्रत्यय
णिनिः - IV. iii. 103 होता है।
(तृतीयासमर्थ ऋषिवाची काश्यप और कौशिक प्राति
पदिकों से प्रोक्त अर्थ में) णिनि प्रत्यय होता है। णिच् -III. i. 25 (सत्याप,पाश,रूप,वीणा,तूल,श्लोक,सेना,लोम,त्वच,
णिश्रिद्रुस्नुभ्य: -III.1.48 वर्म, वर्ण, चूर्ण - इन शब्दों तथा चुरादि धातुओं से) ण्यन्त तथा श्रि,द्रु,स्नु धातुओं से (च्लि के स्थान में चङ् णिच् प्रत्यय होता है।
आदेश होता है, कर्तृवाची लुङ् परे रहते)। णिच:-1. lil.74
...णी... -III. iii. 24 णिजन्त.धातु से (भी आत्मनेपद होता है,क्रियाफल कर्ता देखें- श्रिणीभुवः III. iii. 24 को मिले तो)।
णे: -I. iii. 67 ....णित् -I. il.1
(अण्यन्त अवस्था में जो कर्म,वही यदि ण्यन्त अवस्था में देखें - णित् I. ii. 1
कर्ता बन रहा हो तो ऐसी) ण्यन्त धातु से (आत्मनेपद होता णित् - VII. 1. 90
है; आध्यान = उत्कण्ठापूर्वक स्मरण अर्थ को छोड़कर)। (गो शब्द से उत्तर सर्वनामस्थानविभक्ति) णित्वत् होती
णे:-I. iii. 86
(बुध,युध,नश,जन,इ,पदू, -इन) ण्यन्त धातुओं ....णित्.. - VII. iii. 54
से (परस्मैपद होता है)। देखें-णिन्नेषु VII. iii. 54
णे:-III. ii. 137
___ण्यन्त धातुओं से (वेद-विषय में तच्छीलादि कर्ता हो,तो ...णिति - VII. ii. 115
वर्तमानकाल में इष्णुच् प्रत्यय होता है)। देखें-णिति VII. ii. 115
णे: - VI. iv. 51 ...णिनि... - III. 1. 134
(अनिडादि आर्धधातुक के परे रहते) “णि' का (लोप देखें - ल्युणिन्यचः II:.1. 134
होता है)। णिनि - VI. II. 79
णे:-VII. 1. 27 णिन्नन्त शब्द उत्तरपद रहते (पूर्वपद को आधुदात्त होता (अध्ययन को कहने में निष्ठा के विषय में) ण्यन्त (वृति)
धातु से (वृत्त शब्द निपातन किया जाता है)।
णे: - VII: iv. 29 णिनिः - III. ii. 51
__ण्यन्त धातु से (विहित जो कत प्रत्यय.उसमें स्थित जो (कुमार तथा शीर्ष कर्म के उपपद रहते हन् धातु से) अच् से उत्तर नकार, उसको उपसर्ग में स्थित निमित्त से णिनि प्रत्यय होता है।
उत्तर विकल्प से णकार आदेश होता है)।