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कृच्छ्र... -III. ill. 126
कर-II. iii. 53 देखें-कृच्छाकच्छार्थेषु III. ii. 126
'कृ' धातु के (कर्म कारक में शेषत्व से विवक्षित प्रतिकच्छ्र... - VII. II. 22
यत्न गम्यमान होने पर षष्ठी विभक्ति होती है)। देखें-कृच्छ्रगहनयो: VII. II. 22
कृषः -III. 1. 20 कृच्छ्रगहनयोः - VII. ii. 22
(कर्म उपपद रहते) कृञ् धातु से हेतु,ताच्छील्य अथवा दुःख तथा गम्भीर अर्थ में (कष् हिंसायाम्' धातु को
आनुलोम्य गम्यमान हो तो ट प्रत्यय होता है)। निष्ठा परे रहते इट् आगम नहीं होता)।
कृर-III. 1.48 ...कृच्छ्यो : - VI. 1.6 देखें - चिरकृच्छ्यो : VI. 1.6
(मेघ, ऋति और भय कर्म उपपद रहते) कृञ् धातु से
(खच् प्रत्यय होता है)। कच्छाकच्छायें -III. Iii. 126 कृच्छ् = कष्ट तथा अकृच्छ्र = सुख अर्थवाले (ईषद कृष-III. II.56 था उपपट हों तो धात से खल प्रत्यय होता (व्यर्थ में वर्तमान अच्चिप्रत्ययान्त आढ्य, सुभग,
स्थूल, पलित, नग्न, अन्ध, प्रिय कर्म उपपद रहते) कृञ् ...कृच्छ्राणि-II.i. 38
धातु से (करण कारक में ख्युन् प्रत्यय होता है)। देखें-स्तोकान्तिकदार्थ II.1. 38
कृष-III. 1. 89 का - IH.1.40
'कृ' धातु से (सु,कर्म,पाप,मन्त्र और पुण्य कर्म उपपद (आम्प्रत्यय के पश्चात्) कृञ् प्रत्याहार=कृ, भू, अस् रहते क्विप् प्रत्यय होता है, भूतकाल में)। का (भी अनुप्रयोग होता है, लिट् परे रहते)। ...करः-III. 1.96
देखे-युधिर III. II.9 देखे-स्थेका III. iv. 16
कृषः -III. III. 100
कृ धातु से (स्त्रीलिंग में कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा देखें-हाह III. iv. 36
भाव में श तथा क्यप् प्रत्यय भी होता है। कृषः-1.11. 32
कृषः-III. iv. 25 ... (गन्धन, अवक्षेपण,सेवन,साहसिक्य,प्रतियल,प्रकथन तथा उपयोग अर्थ में वर्तमान) कब धातु से (आत्मनेपद
___(कर्म उपपद रहते आक्रोश गम्यमान हो तो समानकहोता है)।
र्तृक) कृञ् धातु से (खमुज प्रत्यय होता है)। कर-I. 1.63
कृषः-III. iv. 59 (जिस धातु से आम् प्रत्यय किया गया है,उसके समान (इष्ट का कथन जैसा होना चाहिये वैसा न होना गम्यही पश्चात् प्रयोग की गई) कृ धातु से (आत्मनेपद हो मान हो तो अव्यय शब्द उपपद रहते) कृञ् धातु से (क्त्वा जाता है)।
और णमुल् प्रत्यय होते हैं)। का-1.11.71
कृषः-V.iv.58 (मिथ्या शब्द उपपद वाले ण्यन्त) 'कृ' धातु से (आत्म- (द्वितीय, तृतीय, शम्ब तथा बीज प्रातिपदिकों से कृषि' नेपद होता है, अभ्यास अर्थ में)।
अभिधेय हो तो) का घात के योग में (डाच प्रत्यय होता कर -I. III. 79
(अनु और परा उपसर्ग से उत्तर) 'कृ' धातु से (पर- ...जोः - III. lil. 127 स्मैपद होता है)।
देखें- भूकमओ III. I. 127