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आनाय:
आनाय:
III. iii.124
(जाल अभिधेय हो तो) आइ पूर्वक नी धातु से करण कारक तथा संज्ञा में आनाय शब्द (घञ् प्रत्ययान्त निपातन किया जाता है)।
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आनाय्य:
III. i. 127
'आनाय्य' शब्द का निपातन किया जाता है, (अनित्य अर्थ को कहने के लिये) ।
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आनि - VIII. I. 17
(उपसर्ग में स्थित निमित्त से उत्तर लोडादेश) आनि के ( नकार को णकारादेश होता है) ।
आनुक् - IV. 1. 48
(इन्द्र, वरुण आदि प्रातिपदिक पुंल्लिङ्ग के हेतु से स्त्रीलिङ्ग में वर्तमान हों तो उनसे ङीप् प्रत्यय तथा) आनुक् का आगम होता है।
... आनुपूर्व्य... - II. 1. 6
देखें - विभक्तिसमीपसमृद्धि II. 1. 6 अनुलोम्ये - III. 1. 64
iv.
अनुकूलता गम्यमान हो तो (अन्वक शब्द उपपद रहते भू धातु से क्त्वा णमुल् प्रत्यय होते हैं)। आनुलोम्ये - V. Iv. 63
अनुकूलता अर्थ में वर्तमान (सुख तथा प्रिय प्रातिपदिनों से कृञ के योग में डाच् प्रत्यय होता है)।
.... आनुलोम्येषु -
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III. ii. 20
देखें - हेतुताच्छील्यानुलोम्येषु III. II. 20
आमृदु - VI. 1. 35
(वेदविषय में) आनुचुः शब्द का निपातन किया जाता
88
है।
आनूहु: - VI. 1. 35
(वेदविषय में) आनुहुः शब्द का निपातन किया जाता है ।
आने - VII. 1. 82
आन परे रहते (अङ्ग के अकार को मुक् आगम होता
है)।
...आनी - I. Iv. 99
देखें - तडानौ I iv. 99
आप्... - II. iv. 82 देखें - आप्सुप II. iv. 82
... आप्... - IV. 1. 1
देखें - ड्याप्प्रातिपदिकात् IV. 1. 1
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- VII. iii. 116
.... आप्...
देखें- नद्यानीष्य VII. 1. 116
आपू... - VII. Iv. 55
देखें - आज्ञप्यृधाम् VII. iv. 55
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...3114:
- VI. iii. 62
देखें - ड्याप: VI. iii. 62
आप: - VI. iv. 57
आप् से उत्तर (ल्यप् परे रहते विकल्प से णि के स्थान में अयादेश होता है) ।
आप:
VII. i. 18
आवन्त अङ्ग से उत्तर (और औ तथा औद के स्थान में शी आदेश होता है)।
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... आप - VII. 1. 54
देखें - ह्रस्वनद्याप VII. 1. 54
आप: - VII. iii. 105
आवन्त अङ्ग को (आङ्टा परे रहते तथा ओस परे रहते एकारादेश होता है)।
आपः VII. iv. 15
आबन्त अङ्ग को (विकल्प से ह्रस्व नहीं होता, कप् प्रत्यय परे रहते) ।
...आपण...
III. iii. 119
देखें - गोचरचर० III. III. 119
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आपने
VI. iv. 151
आपत्यस्य
(हल से उत्तर भसक्षक अङ्ग के) अपत्यसम्बन्धी (यकार) का (भी अनाकारादि तद्धित परे रहते लोप होता है)। आपनीफणत् - VII. iv. 65
आपनीफणत् शब्द (वेद-विषय में) निपातन किया जाता है ।
आपन्नः - V. 1. 72
(द्वितीयासमर्थ संशय प्रातिपदिक से) प्राप्त हो गया' अर्थ में (यथाविहित ठञ् प्रत्यय होता है) ।
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आपने - II. 1. 4
देखें प्राप्तापने II. II. 4