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, अजवाडा
अचल
अगोदक
अघ
( ३८ ) | शब्द पृ० शब्द पृ०1 शब्द पृ० शब्द पृष्ठ | अगूभानु
अङ्कगणना | अङ्ग प्राप्ति १२८ अङ्घि,क्षालन १३५ अश्रु त स्कन्ध , अङ्कगणित १०३ , अङ्ग रक्षक १२६ अचक्षु १३६ | अगूसेन , | अङ्कनाथपुर १०३ अङ्गधती अचक्षुदर्शन , अगूसोच(अगूशीच)७२ अङ्कप्रभ १०४ अङ्गघाह्य अचक्षुदर्शनावरण , अगृहण , अङ्कमुख | अङ्गवाह्यश्रु त ज्ञान ,, | अचक्षुदर्शनि , अगृहीत मिथ्यात्व ,, | अङ्कलेश्वर १०४ अङ्गस्पर्शन दोष १३१ अचङ्कारितभट्टा , अगृहीतार्थ अङ्कषिद्या | अङ्गामर्श दोष १३१ अचर १३७ अगायणी पूर्व , | अङ्क संदृष्टि ११३ | अङ्गार
अचरम १३७ अग्राह्य धर्मणा ७५ | अङ्का ११४ अङ्गारक १३२
अङ्कावतंसक " अङ्गार दोष अचलकीर्ति १३९ अग्लानि शुद्धि ७६ | अङ्कावती ११५ | अङ्गार मर्दक १३३ अचलगढ़ अङ्कुरारोपण , अङ्गारवती
अचलग्राम १४० अघकारीक्रिया , अङ्करारोपणविधान ,, | अङ्गारिणी , अचल द्रव्य अघटित ब्रह्म अङ्कुश , अङ्गिर
अचल पद
अङ्गल अघन अंकुशा ११६
अचलपुर अघनधारा | अङ्कुशित दोष , | अंगुलि चालनदोष ,, अचल भ्राता ११
| अंगुलि दोष
अचलमेरु अघनमातृक धारा ,, अङ्ग चूलिका १९७ | अंगुलि भ्रमणदोष , अचलस्तोक अङ्गज अंगुलिभ्र दोष ,
अचला अघातिया ७६ अङ्गजित , | अंगुष्ठ प्रदेशन १३५ अचलावती.
(अबला). अघातिया कर्म , अङ्गद " अंगुष्ठ प्रश्न अचलित कर्म अघोर . ५ अङ्गन्यासक्रिया , अंगुष्ठ प्रसेन अचाम्ल
(आचाम्ल), अघोग्गुण ब्रह्मचर्य ,, | अङ्गपण्णत्ती ११८ | अंगुष्टिक
(आचाम्लवद्धनतप),, अघोरगुण ब्रह्मचर्य- | अङ्गपाहु , | अंगेरियक
अचित १४२ ऋद्धि, अघोरगुणब्रह्मचारी | अङ्गप्रविष्ट ११६ | अङ्गोपाल अचितउष्णविवृत , अङ्क ८५ | अङ्गप्रविष्टश्रु तशान ,,' अङ्गोस्थित अचितउष्णसंवृत ,
आल पृथकत्व १३४
अघनपान
.. ७८
अघमी
अचाम्ल तप.
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