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________________ ३३५. कर्मसम्वेध प्रकरण, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, प्रकरण, प्राकृत, १८वीं, 'आदि सिरिवीरनाहनाणं..., अन्त–तस्सीसेणय भणीअं...', मु., श्रीमद्देवचन्द्र अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, पादरा, ह. खरतरगच्छ भं., जयपुर ३३६. कर्मस्तव स्वोपज्ञ टीकासह, कमलसंयमोपाध्याय / जिनवर्द्धनसूरि, प्रकरण, प्राकृत संस्कृत, १५४९, अ., ह. पुण्यविजय संग्रह, अहमदाबाद, भाण्डारकर रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पूना ३३७. कर्मस्तव स्वोपज्ञ टीकासह, जिनवल्लभसूरि / अभयदेवसूरि, प्रकरण, प्राकृत, १२वीं, अ., उ. पाइअभाषा अने साहित्य, पृ. १६० ३३८. कर्मस्तव भाष्य, रामदेवगणि / जिनवल्लभसूरि, प्रकरण, संस्कृत, १२वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ३३९. कलावती चौपई, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६७३ सांगानेर 'आदि-वणमी पदमप्रभ धणी श्री जिनकुसल सूरिंद..., अन्त–सुद्धि क्रिया जेहनी जगि कहीये...', अ., ह. ज्ञान भं., पादरा, उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. ८३७ ३४० कलावती चौपई, रङ्गविनयोपाध्याय / जिनरङ्गसूरि जिनरङ्गीय, रास चौपई, राजस्थानी, १७०६ खम्भात, 'अन्त-संवत सतरयसय छिडोतरइ...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ३४१. कलावती चौपई, विद्यासागरगणि / सुमतिकल्लोल उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६७३ नागौर, 'आदि–प्रणमी आदि जिणिंद पहु..., अन्त-कलावती गुण गावतां...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ९६६ ३४२. कलावती चौपई, सहजकीर्त्तिगणि / हेमनन्दन उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६६७, अ., ह. चारित्र रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ३४३. कलावती रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७५९ पाटण, अ., ह. बालचन्द संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर २९१८६ ३४४. कल्पप्रकरण बालावबोध, मेरुसुन्दरोपाध्याय / रत्नमूर्ति उ०, प्रकरण, राजस्थानी, १६वीं, अ. ३४५. कल्पसूत्र टीका कल्पसुबोधिका, कीर्त्तिसुन्दर (कान्हजी) / धर्मवर्द्धन उ०, आगम, संस्कृत, १७६१, अ., बालचन्द संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ ३४६. कल्पसूत्र टीका (पर्युषणा कल्पसूत्र ), केशरमुनि पंन्यास / हेममुनि, आगम, संस्कृत, १९९३, 'आदि–प्रणम्य श्रीजिनं वक्ष्ये..., अन्त–श्रीमद् वीर जिनेन्द्र तीर्थतिलक...', मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई ३४७ कल्पसूत्र संदेहविषौषधि टीका, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, आगम, संस्कृत, १३६४ अयोध्या, 'आदि-अथ पर्युषणेति कः..., अन्त–वाञ्छितसिद्धिपारम्...', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ५९३२, ३५०६ खरतरगच्छ साहित्य कोश 29 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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