________________
२०३. इच्छापरिमाण टिप्पणक, समयराजोपाध्याय / जिनचन्द्रसूरि, विधि, राजस्थानी, १६६०,
अ., ह. महताबसिंह संग्रह, बीकानेर २०४. इन्द्रियपराजयशतक टीका , गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, उपदेश, संस्कृत, १६६४
अहमदाबाद, आदि-प्रणम्य मृगलक्ष्माणं..., अन्त-श्रीमत्खरतरगच्छे...', मु. सन्मार्ग प्रकाशक
अहमदाबाद २०५. इलापुत्र रास, गुणनन्दनगणि / ज्ञानप्रमोद वा., रास चौपई, राजस्थानी, १६७५ विहारपुर,
'आदि-वीर जिणेसर नमवि करि..., अन्त-ऋषि मण्डल मांहि ए ऋषि काउ...', अ., ह.
अभय ग्र., बीकानेर, धरणेन्द्रसूरि संग्रह, जयपुर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा २०६. इलापुत्र रास, रत्नविमलोपाध्याय / कनकसागर उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८३९ राजनगर,
'आदि-सकल सिद्ध अरिहंतने..., अन्त–इण विध भाव कयो जिनराजे...', अ., उ. जैन
गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. १३९ २०७. इलायचीकुमार चौपाई, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १७५१
जीवातरोग्राम, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर २०८. ईर्यापथिकी षट्त्रिंशिका मूल, जयसोमोपाध्याय / प्रमोदमाणिक्य उ०, चर्चा, प्राकृत, १६४०,
'आदि-पणमिय पास जिणंदं..., अन्त–इरियावहिअसरूवं...', मु. जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत २०९. ईर्यापथिकी षट्त्रिंशिका स्वोपज्ञ टीका, जयसोमोपाध्याय / प्रमोदमाणिक्य उ०, चर्चा,
संस्कृत, १६४१, आदि-जैनचन्द्रं वचः स्मृत्वा..., अन्त–राजन्वति श्रीजिनचन्द्रसूरि...', मु.
जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत २१०. ईर्यावही मिथ्यादुष्कृत बालावबोध, राजसोमोपाध्याय / जयकीर्त्ति उ०, प्रकरण, राजस्थानी,
१८वीं, अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर २११. ईसरशिक्षा, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. अभय ग्र.
बीकानेर २१२. उंदर रासो, राजसोमोपाध्याय / जयकीर्त्ति उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह.
महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर २१३. उक्तिसंग्रह ( उक्तिरत्नाकर ), साधुसुन्दरोपाध्याय / साधुकीर्त्ति उ०, कोश, संस्कृत, १७वीं,
'आदि-स्मृत्वा श्री भारती देवी..., अन्त-राजन्वती श्रीजिनराजसंतति...', अ., ह. विनय. __ प्रतिलिपि, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ७२८६ २१४. उक्तिसमुच्चय, जयसागरोपाध्याय / जिनराजसूरि, कोश, संस्कृत, १५वीं, अ., ह. अभय
ग्र., बीकानेर २१५. उत्तमकुमार चरित्र, चारुचन्द्र उ० / भक्तिलाभ उ०, कथा चरित्र, संस्कृत, १५७१, आदि
वंदित्वा स्वगुरुन् भक्त्या..., अन्त-श्री भक्तिलाभशिष्येण...', मु., हीरालाल हंसराज, जामनगर, ह. अभय ग्र., बीकानेर, विनय. प्रतिलिपि, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा
खरतरगच्छ साहित्य कोश
19
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org