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________________ १९०. आरामशोभा कथा, जिनहर्षसूरि / जिनसुन्दरसूरि पिप्पलक, कथा, संस्कृत, १५३७, अ., ह. ज्ञान भं., लींबड़ी १९१. आरामशोभा कथा, मलयहंस / जिनचन्द्रसूरि पिप्पलक, कथा, संस्कृत, १६वीं, अ., ह. कान्तिविजय संग्रह, छाणी १९२. आरामशोभा चौपई, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७६१ पाटण, 'आदि-श्री सारद वरदायिनी ..., अन्त - आराम शोभानी परइ...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ, भाग- २, पृ. ११३ १९३. आरामशोभा चौपई, दयासारगणि / धर्मकीर्त्ति उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७०४ मुल्तान, अ., ह.रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर १९४. आरामशोभा चौपई, राजसिंह वा. / विमलविनय वा., रास चौपई, राजस्थानी, १६८७ बाड़मेर, 'आदि-सकल कला गुण आगला..., अन्त - संवत सोलह सत्यासीई...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - १, पृ. ५४६ १९५. आरामशोभा चौपई, समयप्रमोदगणि / ज्ञानविलास उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६५१ बीकानेर, 'आदि-सयल सुखकर पास जिणंद..., अन्त - जिण आराम कीयउ तइ तिणि...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर १९६. आर्द्रकुमार धमाल, कनकसोमगणि / अमरमाणिक्य उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६४४ अमरसर, 'आदि-सकल जैनगुरु प्रणमुं..., अन्त-संवत सोल चमाला...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर १९७. आलोचनाविधिप्रकरण, अभयदेवसूरि / जिनेश्वरसूरि, विधि, प्राकृत, १२वीं, 'आदिआलोयणाउ विहिणा..., अन्त - आलोइए गुणा खलु...', अ. ह. विनय प्रतिलिपि १९८. आषाढ़भूति चौपई, ज्ञानसागरोपाध्याय / क्षमालाभ उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७२४, ‘आदि-सकल ऋद्धि समृद्धिकर...', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ९०१९ १९९. आषाढ़भूति धमाल, कनकसोमगणि / अमरमाणिक्य उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६३८ खम्भात, 'आदि-श्री जिनवदनविनासिनी..., अन्त-संवत सोलई अठतीसई...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, विनय प्रतिलिपि २०० आषाढ़भूति प्रबन्ध, साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६२४ दिल्ली, 'अन्त - खरतरगच्छ वाचक थयउ...', अ., ह. क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर २०१ इक्षुकार चौपाई, अमर / सोमसुन्दरगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. सेठिया लाइब्रेरी, बीकानेर २०२. इक्षुकारी चौपाई, क्षेमराजोपाध्याय / सोमध्वजगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६वीं, 'आदिपणमिय वद्धमाण जिण सामिय..., अन्त - उत्तराध्ययनथी उधर्यो रे...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, विनय प्रतिलिपि, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा, रा.प्रा.वि.प्र., जयपुर ७०९४ 18 Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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