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तृतीय परिशिष्ट
खरतरगच्छ साहित्य कोश द्वितीय खण्डस्थ चैत्यवन्दन, स्तुति, गीत-स्तवन, गंहुली, भास, बारहमासा, आदि
लघुकृतियों के आदिपदों का अकारानुक्रम
६५४८. अइयो नंदनंदना, नंद नंदना... ५५३१. अइसी अइसी हो... ५७४३. अइसी विधि जिनजी की... ६९८६. अइसे औषध की... ५६५७. अइसो कोउ मोहन... ६२३८. अंग इग्यारे में थुण्या... ३१३५. अंगीया सुरंगीया सोहै... ६८४२. अंजना सुन्दरी शील बखाणी... ४८०३. अंतरजामि सुण अलवेसर... ४७३२. अंतरजामी साहिब मोरा... ३५५५. अंतरीक अचल अरिहंता... ४०९४. अंतरीक जिन अंतर्यामी... ६४३२. अकबर भूपति... ४७४२. अकल अजर प्रभु एणकलै... ४१३६. अकूलु अमूलु अ... ५०५८. अखियां प्यासी... ५२६४. अगम आगम अरथ उतारै... ५६०८. अड़वड़ियां बेगड़ो. ४८५५.' अचिरानन्दन चन्दन सरिखउ... ४९५३. अचरिज होरी आई रे लोको... ३५१२. अजित जिणंदा हो... ४०२६. अजित जिणेसर प्रणमुं रंगइ... ४६००. अजित जिणेसर माहरो रे लाल... ५१४८. अजितनाथ चरण तोरे... ५२५४. अज्जु सफल अवतार असाडा... ३७७४. अति अनूप भुवन भूप... ४५९०. अति पुण्य नाम... ४६०३. अबुदनाथ जुहारीयइ रे... ३१३६. अधिक आणंद लयौ आज में... ५८५१. अधिकाई जिणचन्दसूर की...
५०२२. अधिकारी वलि अविन्यासी.... ३१२२. अनुभव वरषा आई सुचेतन... ३१२३. अनुभव रस अनुभव रस अजब मची होरी... ४९५४. अनुभव नाथ कुं आप जगावै... ५५७२. अनुपम तीरथ जग... ३२२९. अनुपम देश लही आरजकुल... ५५४०. अब ऋतु नगरनइ कपट कौ कोट... ४८१२. अबतउ अपणइ पास वसाउ... ५८५२. अब तुम देखउ नेम चले गिरिनारि... ५७६८. अब तुम ध्यावो रे माई... ४२५४. अब तुम ल्यावउ माई री... ६२२०. अब तो कुशल गुरु... ६४०५. अब तो दर्शन दो... ४८३९. अब मई नाथ कबइ जउ पाउं... ६०२८. अब मई पायउ... ६०८८. अब मइ पायउ सब गुण जांण... ५७४६. अब मोहि महर करौ... ४५२५. अब मोहे महर करो... ४८५३. अबला आखै सबलां साखै... ६९९८. अब सखी देखउ री मो पीऊ.. ४२६६. अब हइ मदन नपति कउ जोरो... ३३९९. अब हम जाते... ३६४८. अमरनरिंदविहितपयवंदण... ६५६२. अमरसर अब कहउ केती दूर... ४०८५. अमल कमल जिम धवल विराजे.. ४७३३. अमल कमल दल लोयणा हो... ३१२५. अमली ने कमल भलो आयो... ३८००. अमृत की वर्षा... ६३४७. अमृत परमाणंद रे बागीश्वरी... ६३९८. अमृत वचन पूज्य देखणा...
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