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६७७४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, माया निवारण सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, १७वीं,
_ 'आदि-माया कारमी रे माया न करो... गा.७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४३० ६७७५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मुनिसुव्रत पक्षोपवास स्तवन, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-जंबूदीप सोहामj... गा. १४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ.६०१ . ६७७६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मृगापुत्र गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___ 'आदि-सुग्रीव नगर सोहामणुं रे... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २९२ . ६७७७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मेघकुमार गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-धारणी मनावइ रे मेघकुमार नई रे... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २९७ ६७७८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मेघरथ राजा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-दसमइ भव श्री शान्ति जी... गा. २१', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २९३ ६७७९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मेतार्य ऋषि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-नगर राजगृह मांहि वसउजी... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २९१ ६७८०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मौन एकादशी स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६८१,
'आदि-समवसरण बइठा भगवंत... गा. १३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २४० ६७८१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, यति लोभ निवारण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-चेला चेला पदं पदं... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४५० ६७८२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि अष्टक, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-एजी संतन के मुख वाणी सुनि... गा. ८', मु., समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. ३६१, दादागुरु भजनावली, पृ. ४०३ ६७८३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि अष्टक, गीत स्तवन,
अप., १७वीं, 'आदि-पणमिय पास जिणंद... गा. १७', समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३५९,
दादागुरु भजनावली, पृ. ४०५ ६७८४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीत-आलजा, गीत स्तवन,
राजस्थानी, १७वीं, आदि-आसू मास वलि आवीयउ... गा. ११', मु. ऐतिहासिक जैन काव्य
संग्रह, पृ.८७ ६७८५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीत आलिजा, गीत
स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-थिर अकबर तूं थापीयउ... गा. १०', मु. समयसुन्दर कृति
कुसुमाञ्जलि, पृ. ३७७, दादागुरु भजनावली, पृ. ४४५, ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. १०९ ६७८६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-भले री माई श्रीजिनचन्द्रसूरि आए... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३७१, दादागुरु भजनावली, पृ. ४४६, ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. १०७
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