SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 565
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६७६२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि हां हमारे वीरजी कुण रमणि एह... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २०८ ६७६३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर गीत-भोडुया ग्राम मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-महावीर मेरउ ठाकुर... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २०६ ६७६४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर गीत-श्रेणिक विज्ञप्ति गर्भित, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-कृपानाथ तइं कुणहू नूधर्यउ री... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २०९ ६७६५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर जिन सुरियाभ नाटक गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-नाटक सुर विरचित सुरियाभ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २०९ ६७६६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर जिन सुरियाभ नाटक, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-रचति वेष करि विशेष... गा. ', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २१० ६७६७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर जिन बृहत्स्तवन–अल्पाबहुत्व गर्भित, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-जेण परुविउ भेय... गा. १२', समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ:६२४ ६७६८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर जिन विज्ञप्ति स्तवन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं जैसलमेर, आदि–वीर सुणउ मोरी वीनती... गा. १९', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २०२ ६७६९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर जिन स्तवन साचोर मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-धन्य दिवस मंइ आज जुहास्यउ... गा. १४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २०५ ६७७०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, महावीर षट्कल्याणक गर्भित स्तवन, गीत स्तवन, अप., १७वीं, 'आदि-परमरमणीयगुणरयणगणसायरं... गा. २३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २११ ६७७१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मान निवारण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-किसी के सब दिन सरिखे न होई... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, ... पृ. ४५० ६७७२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, मान निवारण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-मूरख नर काहे कुं करत गुमान... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४९ ६७७३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, माया निवारण सज्झाय, सज्झाय, राजस्थानी, _१७वीं, आदि–इहु मेरा इहु मेरा इहु मेरा... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४३१ 495 खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy