SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 556
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६६५४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सखि यादव कोडि सुं परवरे... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १३१ ६६५५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सामलियउ नेमि सुहावइ रे सखियां... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२७ ६६५६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत गिरनार मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-और देखले ऊंचउ गिरनारि... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ.१२५ ६६५७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गूढा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि–लालण को लयुं री सखि समझाइ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १३० ६६५८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गूढा गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी,१७वीं, 'आदि-सखि मोउ मोहन लाल मिलावइ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२८ ६६५९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ चारित्र चूनड़ी गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, तीन गुपति ताणो तण्यो रे... २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १३० ६६६०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ फाग, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-आहे सुन्दर रूप सुहामणउ... गा. १३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११९ ६६६१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ फाग, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-मास वसंत फाग खेलत प्रभु... गा. ८', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११७ ६६६२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ बारहमासा, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-सखि आयउ श्रावण मास... गा. १४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२० ६६६३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ उलंभा भास-गिरनार तीर्थ, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि-दूर थकी मोरी वंदणा... गा. ६', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १११ ६६६४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ उलंभा उतारण भास-गिरनार तीर्थ, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-परतिख प्रभु मोरी वंदना... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११२ ६६६५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ भास-नडुलाई मण्डन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-नडुलाइ निरख्यउ जादवउ... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११३ 486 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy