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६६४०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं
'आदि-करई प्रीति जोड़इ हां नेमि जी... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२२ ६६४१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
_ 'आदि-चंदइ कीधउ चानणउ रे... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२६ ६६४२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-छपन कोडि यादव मिलि आए... गा. ४', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२५ ६६४३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-जादवराय जीवे तूं कोडि वरीस... गा. ३', मु. ६६४४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-तोरण थी रथ फेरि चले... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२३ ६६४५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
_ 'आदि-देखउ सखि नेमि कत आवइ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२२ ६६४६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-नेमिजी मन जाणइ के सरजणहारा... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १२७ ६६४७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-नेमि नेमि नेमि नेमि जपत राजुल... गा. अपूर्ण', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १२८ ६६४८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-नेमि परणेवा चालिया... गा. ८', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११७ ६६४९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-नेमिजी सुं जउरे साची प्रीतडी... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११६ ६६५०. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
. 'आदि-मुगति धूतारी म्हारउ... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११८ ६६५१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-मोकुं पिउ बिन क्युं सखि रयणि विहाइ... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. १२३ ६६५२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-यादववंश खाणि जोवतां जी... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १२४ ६६५३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, नेमिनाथ गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-विण अपराध तजि मुंनइ बालम... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १३२
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खरतरगच्छ साहित्य कोश .
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