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६४९३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, क्रोध निवारण गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___ 'आदि-जियुरा तूं मकरि किण सुं रोस... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४४९ ६४९४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, खंदक शिष्य गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-खंदक सूरि समोसरया रे... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. २६४ ६४९५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, खरतर गुरु पट्टावली, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, आदि–प्रणमी वीर जिणेसर देव... गा. ८', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४७,
ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह पृ. २२७ ६४९६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गज सुकुमाल मुनि गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि-नयरि द्वारामती जाणियइ जी... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. २६६ ६४९७. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गहूंली गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, आदि
प्रभु समरथ साहिब देवा रे... गा. ९', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४६ .. ६४९८. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गिरनार तीर्थ भास, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___ 'आदि-श्री नेमीसर गुणनिलउ... गा. ८', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ११० ६४९९. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गुणरत्नाकर छन्द, गीत स्तवन, राजस्थानी, १६५९,
अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-१, पृ. ३३१ ६५००. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गुरु दुःखित वचन, गीत स्तवन, संस्कृत, १७वीं,
'आदि-क्लेशोपार्जितवित्तेन... गा. १९', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१७ ६५०१. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गुरु दुःखित वचन, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___ 'आदि-चेला नहीं तउ म करउ चिंता... गा. ५', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४१९ ६५०२. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गुरु वन्दन गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
_ 'आदि-हां मित्र म्हारा रे चालउ उपासरइ... गा. २', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ४६५ ६५०३. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गुर्वावली गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-उद्योतन वर्द्धमान जिणेसर... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४८ ६५०४. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गौतम स्वामी अष्टक, गीत स्तवन, राजस्थानी,
१७वीं, 'आदि–प्रह ऊठी गौतम प्रणमीजइ... गा. ८', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि,
पृ. ३४३ ६५०५. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गौतम स्वामी गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
'आदि-गौतम नाम जपउ परभाते... गा. ३', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४५ ६५०६. समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, गौतम स्वामी गीत, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं,
___ 'आदि-मुगति समौ जाणी करी जी रे... गा. ७', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३४४
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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