________________
२५१२. व्याख्यान - अष्टाहिकाव्याख्यान भाषा, नेमिचन्द्र भण्डारी / गजवल्लभगणि, व्याख्यान,
राजस्थानी, १८६५, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १०८९ २५१३. व्याख्यान - अष्टाह्निकाव्याख्यान भाषा, मतिमन्दिर, व्याख्यान, हिन्दी, १८८२, 'अन्त
भाषा सुगम सुजाण...', अ., ह. खजांची संग्रह, बीकानेर, यति जयकरण संग्रह, बीकानेर,
कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ९४२१, ९६५९ २५१४. व्याख्यान - कार्तिकपूर्णिमाव्याख्यान, जयसारोपाध्याय / हस्तरत्न वा. पौत्र, व्याख्यान,
संस्कृत, १८७३ जैसलमेर, मु., सुमति कार्यालय कोटा, सम्पादक-म० विनयसागर २५१५. व्याख्यान - चातुर्मासिक व्याख्यान, क्षमाकल्याणोपाध्याय / अमृतधर्म, व्याख्यान, संस्कृत,
१९वीं, 'आदि-स्मारं स्मारं स्फरज्ज्ञानं...', मु., सुमति कार्यालय, कोटा, सम्पादक - म०
विनयसागर, ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा २५१६. व्याख्यान - चातुर्मासिक व्याख्यान, शिवनिधानोपाध्याय / हर्षसार वा., व्याख्यान, संस्कृत,
१७वीं, अ., ह. चारित्र रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर, आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर २५१७. व्याख्यान - चातुर्मासिक व्याख्यान पद्धति, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि,
व्याख्यान, संस्कृत, १६६५ अमरसर, 'आदि-प्रणम्य परमानन्द...', अ., ह. कैलाशसागरसूरि
ज्ञान मन्दिर, कोबा ३१९५, ह. विनय. प्रतिलिपि, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा २५१८. व्याख्यान - चातुर्मासिक व्याख्यान, सूरचन्द्रोपाध्याय / वीरकलश उ०, व्याख्यान, संस्कृत,
१६९४, आदि-प्रणम्य श्रीमहावीरं...', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा २२००,
क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, चारित्र रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर २५१९. व्याख्यान - चातुर्मासिक व्याख्यान भाषा, आनन्दवल्लभगणि / रामचन्द्रगणि, व्याख्यान,
हिन्दी, १८७३, अ., ह. जैन भवन, कलकत्ता । २५२०. व्याख्यान - चैत्रीपूर्णिमाव्याख्यान, जीवराज / भवानीराम जिनसागरसूरि शाखा, व्याख्यान,
संस्कृत, १८७९ जैसलमेर, आदि-तीर्थराजं नमस्कृत्य..., अन्त–नन्दे रसे सिद्धिचन्द्रे...', मु.,
सुमति कार्यालय कोटा, सम्पादक - म० विनयसागर २५२१. व्याख्यान - ज्ञानपञ्चमीव्याख्यान, बालचन्द्रसूरि / रूपचन्द्रगणि, व्याख्यान, संस्कृत,
२०वीं, अ., ह. हीराचन्द्रसूरि ज्ञान भं., बनारस २५२२. व्याख्यान - ज्ञानपञ्चमीव्याख्यान, व्याख्यान, संस्कृत, २०वीं, आदि-श्रीमत्पार्श्वजिनाधीशं...,
अन्त-एवं विभाव्य भो भव्याः...', मु., सुमति कार्यालय, कोटा, सम्पादक - म. विनयसागर २५२३. व्याख्यान - ज्ञानपञ्चमी व्याख्यान भाषा, आनन्दवल्लभगणि / रामचन्द्रगणि, व्याख्यान,
हिन्दी, १८७३, अ. २५२४. व्याख्यान - ज्ञानपञ्चमी व्याख्यान बालावबोध, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, व्याख्यान,
राजस्थानी, १८वीं, अ.
190
खरतरगच्छ साहित्य कोश
For Personal & Private Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org