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२२८३. रुक्मिणी चरित्र चौपई, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि बेगड़, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं जैसलमेर, अ.
२२८४. रुघरास, रघुपति उ० / विद्यानिधान उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ.
२२८५. रुचादिगणवृत्तिः, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, व्याकरण, संस्कृत, १३७९, ‘आदि-कर्त्तरि रुचादि..., अन्त-गणयुगलवृत्ति:...', अ., ह. ज्ञान भं., लीबड़ी, अभय ग्र., बीकानेर, रा.प्रा.वि.प्र. जोधपुर
२२८६. रूपकमाला, पुण्यनन्दीगणि / समयभक्तिगणि, रास चौपई ?, अपभ्रंश, १६वीं, 'अन्त– सबल शील महिमा निलउ... गा. ३२', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, विनय प्रतिलिपि २२८७. रूपकमाला टीका, चारित्रसिंहगणि / मतिभद्रगणि, रास चौपई ?, संस्कृत, १६४३, अ., ह. बी. एल. इन्स्टीट्यूट ऑफ, दिल्ली, गधैया संग्रह, सरदारशहर
२२८८. रूपकमाला अवचूरि, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रास चौपई ?, संस्कृत, १६६३ बीकानेर, ‘अन्त- बृहत्खरतरेगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरयः...', अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर
२२८९. रूपकमाला बालावबोध, रत्नरङ्गोपाध्याय, रास चौपई, राजस्थानी, १५८२, 'अन्त- श्रीपुण्यनंद्यु पाध्यायेन...', अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर २२९०. रूपसेन राज चतुष्पदी, लालचन्द्रगणि / हीरानन्दनगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६९३ मेड़ता, अ.
२२९१: रूपसेन राज चौपई, पुण्यकीर्त्तिगणि / हंसप्रमोदगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६८१ मेड़ता, ‘आदि-कामित दायक कलपतरु..., अन्त-भवियण हित चितमइ धरी...', अ., ह. आचार्यशाखा भं., बीकानेर, फूलचन्द झाबक संग्रह, फलौदी, विनय प्रतिलिपि
२२९२. रोहा कथा चौपई, विनयचन्द्रगणि / ज्ञानतिलक उ० जिनसागरसूरि शाखा, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, ‘आदि - सकल सुरासुर जेहने..., अन्त - ए रोहानी कथा भली...', अ., अभय ग्र., बीकानेर
२२९३. लखमसीकृत २१ प्रश्नोत्तर, मतिकीर्त्ति उ० / गुणविनय उ०, चर्चा, राजस्थानी-संस्कृत, १६९१, अ., ह. बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा
२२९४. लघु अजितशान्ति स्तव, जिनवल्लभसूरि / अभयदेवसूरि, स्तोत्र, प्राकृत, १२वीं, 'आदिउल्लासिक्कमनक्ख..., अन्त– इय विजयाजियसत्तुपत्त... गा. १७', मु., जिनबल्लभसूरि ग्रन्थावली, पृ. २०६
२२९५. लघु अजितशान्ति स्तव टीका, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, स्तोत्र, संस्कृत, १७वीं, ह. संघ भं., पाटण
अ.,
२२९६. लघु अजितशान्ति स्तव टीका, धर्मतिलकगणि / जिनेश्वरसूरि, स्तोत्र, संस्कृत, १३२२, मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई, ह. विनय प्रतिलिपि
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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