________________
१७०१. पूजा - ज्ञानावरणीय कर्म निवारण पूजा, जिनकवीन्द्रसागरसूरि / जिनहरिसागरसूरि,
पूजा, हिन्दी, २१वीं, आदि-ॐ अर्जी परमात्मा..., अन्त-आतमा शिवफल पावे...', मु., बृहत्
पूजा संग्रह, कलकत्ता १७०२. पूजा - दर्शनावरणीय कर्म निवारण पूजा, जिनकवीन्द्रसागरसूरि / जिनहरिसागरूसरि,
पूजा, हिन्दी, २१वीं, 'आदि-वस्तु तत्त्व सामान्य का..., अन्त-म्हारे जीवन को आधार...',
मु., बृहत् पूजा संग्रह, कलकत्ता १७०३. पूजा - दादाजी अष्टप्रकारी पूजा, जिनचन्द्रसूरि / जिनलाभसूरि, पूजा, संस्कृत-हिन्दी,
१८५३, आदि-स्मृत्वा गुरुपदाम्भोजं...', मु., दादागुरु भजनावली, पृ. ५५० १७०४. पूजा - दादाजी अष्टप्रकारी पूजा, ज्ञानसारोपाध्याय / रत्नराज उ०, पूजा, संस्कृत-हिन्दी,
१८५३, आदि-स्मृत्वा गुरुपदाम्भोज...', मु. जिन पूजा महोदधि १७०५. पूजा - दादाजी की पूजा, म० ऋद्धिसार (रामलाल ) / कुशलनिधान उ०, पूजा, हिन्दी,
१९५३ बीकानेर, आदि-ईश्वर जग चिन्तामणि...', मु., जिन पूजा महोदधि, दादागुरु भजनावली,
पृ.५३५ १७०६. पूजा - ध्वज पूजा, पूजा, हिन्दी, १९वीं, अ. १७०७. पूजा - नन्दीश्वर द्वीप पूजा, जिनचन्द्रसूरि / जिनलाभसूरि, पूजा, संस्कृत, १९वीं, 'आदि
___ दिशिश्रीपूर्वस्यांम..., अन्त-युगवरा:श्रीकरा...', मु., जिन पूजा महोदधि १७०८. पूजा - नन्दीश्वर द्वीप पूजा, शिवचन्द्रोपाध्याय / पुण्यशीलगणि, पूजा, राजस्थानी, १८७६
जयपुर, आदि-स्वस्तिश्री सुखकरण धन..., अन्त–पूरव दिशि अंजनगिरी...', मु., जिन पूजा
महोदधि १७०९. पूजा - नवपद पूजा, चारित्रनन्दी / नवनिधि, पूजा, राजस्थानी, २०वीं, अ., उ. जैन गुर्जर
कविओ भाग-३, पृ.३३६ १७१०. पूजा - नवपद पूजा, ज्ञानसारोपाध्याय / रत्नराज उ०, पूजा, राजस्थानी, १८७१ बीकानेर,
'आदि–च्यार धातिया क्षय करी..., अन्त–संवत निश्चयनय भय तिम वलि...', मु., ज्ञानसागर
ग्रन्थावली, पृ. ४२३ १७११. पूजा - नवपद पूजा उल्लाला, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, पूजा, राजस्थानी, १८वीं,
'आदि-तीरथपति अरिहा नमुं..., अन्त-इय सयल सुखकर...', मु., अध्यात्म ज्ञान प्रसारक
मण्डल, पादरा १७१२. पूजा - नवपद लघुपूजा, लालचन्द्रगणि / रत्नकुशल वा., पूजा, प्राकृत-राजस्थानी, १९वीं,
'आदि-उपन्न सन्नाणमहोमयाणं...', मु., जिन पूजा महोदधि १७१३. पूजा - नवाणुंप्रकारी पूजा, अमरसिन्धुर वा. / जयसार उ०, पूजा, राजस्थानी, १८८८ बम्बई,
'आदि-स्वस्ति श्री दायक सदा..., अन्त–जात्र सेजानी कीजे...', मु., जिन पूजा महोदधि
130
खरतरगच्छ साहित्य कोश
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org