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१६६२. पुष्पाञ्जलि स्तोत्र, शिवचन्द्रोपाध्याय / पुण्यशीलगणि, स्तोत्र, संस्कृत, १९वीं, 'आदिकेवललोकितलोकालोक... गा. ९', अ., ह. विनय प्रतिलिपि
१६६३. पुण्यदत्त सुभद्रा चौपई, पूर्णप्रभगणि / शान्तिकुशलगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७८६ धरणावास, ' आदि - पुरिसादानी पास जिण..., अन्त - सीलतरंगणी ग्रंथिथीश्ये...', अ., ह. अनन्तनाथ ज्ञान भं., बम्बई
१६६४. पुण्यपाल श्रेष्ठि चौपई, क्षेमहर्षगणि / विशालकीर्त्तिगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७०४, अ., ह. तपागच्छ ज्ञान भं., सिरोही
१६६५. पुण्यरङ्ग चौपई, लब्धिसागर / जयनन्दन जिनरङ्गीय, रास चौपई, राजस्थानी, १७६४, ' आदि - श्री रिसहेसर प्रथम जिन..., अन्त- सोहम सामी परंपरा रे...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर
१६६६. पुण्यविलास रास, आलमचन्द / आसकरण, रास चौपई, राजस्थानी, १८३७ अजीमगंज, अ. १६६७. पुण्यसागर महो० गुरु गीतम्, हर्षकुलगणि / पुण्यसागर उ०, गीत स्तवन, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि-श्रीजगगुरु पय वंदीयइ..., अन्त - श्रीजिनहंस सूरिसरइ...', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. ५७
१६६८. पुण्यसार कथानक, विवेकसमुद्रोपाध्याय / जिनेश्वरसूरि, चरित्र, संस्कृत, १३३४ जैसलमेर, मु., जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत, ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं, पालीताणा
१६६९. पुण्यसार चौपई, लक्ष्मीप्रभोपाध्याय / कनकसोमगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ. १६७०. पुण्यसार रास, पुण्यकीर्त्तिगणि / हंसप्रमोद उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६६६ सांगानेर, ' आदि - नाभिराय नंदन नमुं..., अन्त-शांति जिणेसर चरित्र थकी...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग - १, पृ. ४०५, ह. अभय ग्र., बीकानेर, विनय प्रतिलिपि
१६७१. पुण्यसार रास, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६७३, 'आदि- समरूं श्री सरसत्ति..., अन्त-सुर सुख भोगवि नइ सही सुणी सेठ अपार...', मु. समयसुन्दर रास पंचक, ह. अभय ग्र., बीकानेर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा
१६७२. पुद्गलषट्त्रिंशिका, अभयदेवसूरि / जिनेश्वरसूरि, प्रकरण, प्राकृत, १२वीं, मु., हीरालाल
हंसराज, जामनगर
१६७३. पुरन्दर चौपई, रत्नविमल / कनकसागर, रास चौपई, राजस्थानी, १८२७, अ., ह. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर
१६७४. पुरुषोदय धवल, लावण्यकीर्त्तिगणि / ज्ञानविलासगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. तेरापंथी सभा, सरदारशहर
१६७५. पूजा - अन्तराय कर्म निवारण पूजा, जिनकवीन्द्रसागरसूरि / जिनहरिसागरसूरि, पूजा, हिन्दी, २०१३ फलौदी पार्श्वनाथ, 'आदि-भवजल तिरना हो यदि..., अन्त - पायो पायो रे धर मन शासन जैन सवायो रे...', मु., जैन पूजा संग्रह, कलकत्ता
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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