________________
११४६. द्रौपदी चौपई, जिनचन्द्रसूरि / जिनेश्वरसूरि बेगड, रास चौपई, राजस्थानी, १६९८ जैसलमेर,
'अन्त–पांडव ने द्रुपदी तणो...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ११४७. द्रौपदी चौपई, विनयमेरुगणि / हेमधर्म उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६९८, अ., ह. यति
प्रेमसुन्दर संग्रह, फलौदी ११४८. द्रौपदी चौपई, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७००
अहमदाबाद, 'आदि-शांतिनाथ प्रणमु सदा..., अन्त-सुधरम सामी पांचमउ...', अ.,
कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ६५३१, उ. जैन गुर्जर कविओ, भाग-१, पृ. ३७० ११४९. द्रौपदी संहरण, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, कथा चरित्र, संस्कृत, १७वीं, अ.,
ह. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ११५०. द्रव्यपरीक्षा, ठक्कुर फेरु धंध गोत्रीय / ठक्कुर चन्द्र, मुद्राशास्त्र, प्राकृत, १३७५, आदि
कमलासण कमलकरा..., अन्त-एवं दव्वपरिक्खं दिसिमित्तं चंदतणयफेरेण...', मु., रा.प्रा.वि.प्र.,
जोधपुर ११५१. द्रव्यप्रकाश भाषा, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, प्रकरण, राजस्थानी, १७६७ बीकानेर,
'आदि-अज अनादि अक्षयगुणी..., अन्त-हिंदु धर्मवीकानेर...', मु., अध्यात्म ज्ञान प्रसारक
मण्डल, श्रीमद् देवचन्द्र ११५२. द्रव्यप्रकाश हिन्दी अनुवाद ( मूल देवचन्द्र), सज्जनश्री प्र. / ज्ञानश्री प्र., प्रकरण, हिन्दी,
२०वीं, मु., पुण्यस्वर्ण ज्ञानपीठ, जयपुर ११५३. द्रव्य विज्ञान, विघुत्प्रभाश्री / प्रमोदश्री, प्रकरण, हिन्दी, १९९४, मु., प्राकृत भारती अकादमी,
जयपुर
११५४. द्रव्यसंग्रह बालावबोध, हंसराज / वर्द्धमानसूरि राज्य पिप्पलक, प्रकरण, राजस्थानी,
१७०९, 'आदि-द्रव्यसंग्रह शास्त्रस्य बालबोधो यथामतिः...', अ., ह. अनूप संस्कृत लाइब्रेरी,
बीकानेर, उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. १६२४ ११५५. द्रव्यानुभव रत्नाकर, चिदानन्द द्वि., प्रकरण, हिन्दी, १९५२ फलौदी, 'अन्त–सुमरनकरो श्री
वीरका...', मु., अभयदेवसूरि ग्रन्थमाला, बीकानेर, ह. विनय. प्रतिलिपि ११५६. द्वादशकुलक, जिनवल्लभसूरि / अभयदेवसूरि, उपदेश, प्राकृत, १२वीं, आदि-कुलप्पसूयाण
गुणालयाणं..., अन्त–ते य असढं जयंता...', मु., जिनवल्लभसूरि ग्रन्थावली, पृ. ५६ ११५७. द्वादशकुलक टीका, जिनपालोपाध्याय / जिनपतिसूरि, उपदेश, संस्कृत, १२९३, आदि
नृत्यन्नानाविलासोद्धरविबुधवधूसत्कटाक्षच्छटाभि..., अन्त-जयन्ति सन्देहलतासिधारा...', मु.,
जिनकृपाचन्द्रसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ११५८. द्वादशभावनाकुलक, जिनेश्वरसूरि / जिनपतिसूरि, उपदेश, प्राकृत, १३वीं, अ., ह. खजांची
संग्रह रा.प्रा.वि.प्र.,बीकानेर
89
खरतरगच्छ साहित्य कोश
For Personal & Private Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org