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४३४. कुमतकुलिङ्गोच्छेदनभास्कर (जैन लिङ्ग निर्णय), चिदानन्द द्वि., चर्चा, हिन्दी, १९५५
जीरण, मु., अजमेर ४३५. कुमतिकदली कृपाणिका चौपाई, कमलसंयमोपाध्याय / जिनवर्द्धनसूरि, चर्चा-रास चौपई,
राजस्थानी, १६वीं, अ., ह. हंसविजय संग्रह, बड़ौदा ४३६. कमति विध्वंसन चौपाई, हीरकलशोपाध्याय / हर्षप्रभ उ०, चर्चा-रास चौपई, राजस्थानी,
१६१७ कर्णपुरी, 'आदि-वंदवि चउवीसे जिणराय..., अन्त–सोलेसे सत्तोत्तरवास...', अ., ह.
रा.प्रा.वि.प्र., जयपुर, पूरनचन्द्र नाहर संग्रह, कलकत्ता ४३७. कुमारध्वजकुमार चौपाई, आनन्दनिध उ० / मतिवर्द्धन उ० आद्य., रास चौपई, राजस्थानी,
१७३४ सोजत, आदि-सरस वचन रचना सरस..., अन्त-खरतरगच्छ जागै खराजी...', अ.
ह. कांतिसागरजी संग्रह, जयपुर ४३८. कुमारपालप्रबन्ध (कुमारपाल प्रतिबोध चरित्र), सोमतिलकसूरि / संघतिलकसूरि
रुद्रपल्लीय, ऐतिहासिक काव्य, संस्कृत, १४२४, अ., ह. केशरियानाथ संग्रह, जोधपुर,
कान्तिविजयजी संग्रह, छाणी ४३९. कुमारपाल रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७४२ पाटण,
'आदि-श्री सरसति भगवति नमुं..., अन्त-ऐह चरित्रनिज हियडे धारी...', अ., ह. विनय.
प्रतिलिपि, बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ ४४०. कुमारमुनि रास, पुण्यकीर्त्तिगणि / हंसप्रमोद उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ. ४४१. कुमारसम्भव महाकाव्य टीका, क्षेमहंसगणि / जिनभद्रसूरि, काव्य, संस्कृत, १६वीं, अ.,
उ. स्वकृत रघुवंश टीका । ४४२. कुमारसम्भव महाकाव्य टीका, चारित्रवर्द्धन उ० / कल्याणराज उ० लघुखरतर, काव्य,
संस्कृत, १६वीं, मु., गुजराती मुद्रणालय, बम्बई, ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ४४३. कुमारसम्भव महाकाव्य टीका, जिनभद्रसूरि / ?, काव्य, संस्कृत, १५वीं, अ. ४४४. कुमारसम्भव महाकाव्य टीका, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि लघुखरतर, काव्य, संस्कृत,
१६वीं, अ., ह. डेक्कन कालेज, पूना ४४५. कुमारसम्भव महाकाव्य टीका, लक्ष्मीवल्लभोपाध्याय / लक्ष्मीकीर्त्ति उ०, काव्य, संस्कृत,
१७२१ सूरत, अ., ह. महिमाभक्ति - बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं.,
पालीताणा, विनय. प्रतिलिपि ४४६. कुमारसम्भव महाकाव्य टीका, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, काव्य, संस्कृत,
१७वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ४४७. कुम्भस्थापना भाषा, देवचन्द्रोपाध्याय / दीपचन्द्र उ०, विधि, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह.
खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर
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खरतरगच्छ साहित्य कोश
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