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पुरवर्गः २] मणिप्रभाव्याख्यासहितः ।
१ चैत्यमायतनं तुल्ये २ वाजिशाला तु मन्दुरा । ३ आवेशनं 'शिल्पिशाला ४ प्रपा पानीयशालिका ।। ७ ॥ ५ मठश्छात्रादिनिलयो ६ गजा तु मदिरागृहम् । ६ गर्भागारं वासगृहसमरिष्टं सूतिकागृहम् ॥८॥ ९ "कुट्टिमोऽस्त्री निबद्धा भू१०श्चन्द्रशाला शिरोगृहम्'(५) ११ वातायनं गवाक्षो१२ऽथ मण्डपोऽस्त्री जनाश्रयः ।
१ चैत्यम्, आयतनम् (२ न), 'यज्ञस्थान-विशेष' के २ नाम है ॥ २ वाजिशाला, मन्दुरा ( २ स्त्री), 'अस्तबल' के २ नाम हैं ॥
३ आवेशनम् (न), शिल्पिशाला (+ शिल्पशाला । स्त्री+न), 'कारोगरोंके घर' के नाम हैं ॥
४ प्रपा, पानीय शालिका (+पानीयशाला । २ स्त्री), 'पौसरा, प्याऊं, या पानी रखनेकी जगह' के २ नाम हैं ।
५ मठः (पु), 'मठ' अर्थात् 'विद्यार्थियों या संन्यासियों के रहने की जगह' के २ नाम हैं।
६ गा (स्त्री), मदिरागृहम् (न), कलवरिया या मदिराके घर' के २ नाम हैं ।
७ गर्भागारम , वासगृहम् (२ न), 'घरके बीचके हिस्से' अर्थात् 'तहखाने के २ नाम हैं।
८ अरिष्टम, सूतिकागृहम् ( + सूतकागृहम् । २ न), 'सौरीके घर' अर्थात् 'जिसमें लड़का पैदा हुआ हो उस घर' के २ नाम हैं । ('किसीके मतसे 'गर्भागारम्,.......... ४ शब्द एकार्थक हैं)॥
९ [ कुट्टिमः (पु न ), 'पत्थर या संगमर्मर आदिके बने हुए फर्श का । नाम है] ॥
१० { चन्द्रशाला (स्त्री), शिरोगृहम (न), 'अटारी या घरके ऊपरी छत' के २ नाम हैं ] ॥
" वातायनम् (न), गवासः (पु), 'झरोखे' के नाम हैं। १२ मण्डपः (पुन), जनाश्रयः (पु), 'मण्डपके २ नाम है। १. 'शिल्पिशालम्' इति पाठान्तरम् । 'शिरूपशाला' इति सभ्यःपाठ तिबी.सा.. २. भयं धो. स्वा. व्याख्यानां समुपकन्यते ॥
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