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कुक ६७६
कुविक्रम कुक १ आ० लेवू; स्वीकार; पकडवू कुमारीपुर न० कुंवारी कन्याओ माटेने कुकुराः पुं०ब०व० दशार्ह देशनुं नाम __ ओरडो के अंतःपुर (जुओ पृ० ६०९) (२) यादवोनी कुमुदानन्द वि० (राते खीलतां)कमळोने एक जातिना लोक
आनंद आपनाएं- विकसावनाएं कुकूलाग्नि पुं० ढूणसांनो अग्नि कुरंट पुं० एक पीळं फूल । कुक्षिगत वि० पेटमां – कूखमां होय तेवू कुरु पुं० जुओ पृ० ६०४ कुक्षिज पुं० पुत्र [दुराचारी कुरुक्षेत्र न० जुओ पृ० ६०४ । कुचर वि० प्रवास करतुं (२) चोर; कुरुजांगल न० जुओ पृ० ६०४ कुटकारिका, कुटहारिका स्त्री० दासी- कुरुनंदन पुं० अर्जुन नोकरडी
[बुद्धिवाळं कुरुपंचालाः पुं० ब०व० जुओ पृ० ६०४ कुटिलमति, कुटिलाशय वि० दुष्ट कुरुराज पुं० दुर्योधन कुटीचक पुं० एक जातनो भिक्षु कुरुविंद पुं०,न० माणेक; रत्न [नाएं
(अजाण्या गाममां घेरघेर भिक्षा कुलकलंकित वि० कुळने कलंक लगाड़मागीने जीववाना व्रतवाळो) कुलक्षय पुं० कुळ के वंशनो नाश कुटुंबकलह पुं०, न० कुटुंब साथे थयेलो कुलगृह न० सारं घर; खानदान घर
झघडो (२) कुटुंबनो आंतरिक झघडो कुलघ्न वि० कुळघातक; वंशनो नाश कुटुंबभर पुं० कुटुंबनो भार; कुटुंबनी करनाएं
[कठोळ संभाळ राखवानो बोजो
कुलत्थ पुं० कळथी; एक जातनुं हलकुं कुट्टिम पुं०, न० नाना पथ्थर जडेली कुलदूषण वि० कुळने कलंक लगाडनाएं -फरसबंधी जमीन
कुलधर्म पुं० कोई पण कुळनो पोतानो कुडमल न० बाणना फळानी अणी आगवो धारो, रूढि के आचार कुतप पुं० दिवसनुं आठमुं मुहर्त कुलनाशन न० कुळनो नाश करना ते (पंदरमाथी)
[सिद्धांत कुलवत पुं०, न० कुळमां चालतुं आवेलं कुतर्क पुं० खोटी दलील (२) नास्तिक व्रत के नियम
[स्त्री कुतूहलिन् वि० कुतूहल, उत्कंठा के कुलस्त्री स्त्री० ऊंचा कुळनी-खानदान
उत्सुकतावाळं [हेतुवाळू कुलाभिमानिन् वि० कुळ के वंशकूतोनिमित्त वि० कया कारण अथवा अभिमान राखनाएं बेसते कुथ पुं० कुश; दर्भ
कुलायनिलाय पुं० माळामां ईंडांने सेववा कुनख न० नखनो रोग
कुलांकुर पुं० कुळनो वंशज कुबेर पुं० जुओ पृ० ६०३
कुलिशकर पुं० इंद्र (हाथमां वज कुब्ज पुं० वांकी (कटार जेवी) धारण करनार) तरवार (२) पीठ उपरनी खूध (३) कुलिंदाः पुं० ब०व० जुओ पृ०६०४ एक जातनुं माछलुं ।जतुं कुलताः पुं० ब० व० एक देश के तेना कुब्जगामिन् वि० वांकुंचकुंजतुं विमार्गे राजाओ (जुओ पृ० ६०४) कुब्जलीला स्त्री० खूधा माणसनी चाल कुवम पुं० सूर्य के रीतभात
कुवलयित वि० नीलकमळथी शणगारेलं कुब्जा जुओ पृ० ६०३
कुवलयिन् वि० नीलकमळवाळं कुमारी स्त्री० कुंवारी कन्या (१० थी कुविक्रम पुं० खोटी जगाए दर्शावलं १२ वर्षनी) (२) छोकरी; पुत्री पराक्रम
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