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अनीहा
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अनुराधपुर अनीहा स्त्री० उपेक्षा; बेदरकारी अनुनादिन् वि. पडघो पाडतुं अनुकाम वि० स्वेच्छा मुजबनू (२) अनुनायिक वि० मनावनाएं कामनायुक्त (३)पुं० योग्य इच्छा अनुनिशीथम् अ० मधराते अनुकामम् अ० स्वेच्छा मजब
अनुनीति स्त्री० अनुनय अनकामीन वि० स्वेच्छा मुजब जनाएं अनुनय वि० अनुकूळ एवं सांत्वन पमाडे के वर्तनाएं
तेवु(२)जेनो अनुनय करवो जोईए ते, अनुकलयति प० (मनाव; रीझव) अनुपदिन् वि० अनुसरतुं (२)-ने शोधतूं अनुकलित वि० आदरातिथ्य करेलु ; अनुपपन्न वि० अयोग्य ; अघटित सत्कारेलु
अनुपस्कार वि० अध्याहार न करवो अनुकंद १ प० –ना अवाजनो जवाब
पडे तेवं आपवो;-नी पाछळ अवाज करवो अनुपस्कृत वि० असल ; अकृत्रिम (२) अनुक्षणम् अ० दरेक क्षणे; सतत
रांधेलु नहि तेवू (३) संशयरहित अनुक्षपम् अ० दरेक राते
(४)स्वार्थ के प्रयोजन विनानुं अनगीत न० -ना जवाबमां गावं ते अनुपातिन् वि० परिणामरूपे आवतुं अनुगुणयति प० (अनुकूळ बनावq; के प्राप्त थतुं (२) पुं० अनुयायी मनावयु)
अनुप्रकीर्ण वि० पूरेपूरे छवाई गयेलं अनुघटन न० -नी साथे जोडवं ते अनप्रवण वि० अनकळ; आनंददायक अनुचरित वि० अनुसरायेलं; सेवायेलु अनुप्रवाद पुं० अफवा ; लोकवायका अनुजन पुं० परिजन ; परिवार
अनुप्रसद् -प्रेरक० खुश करवू- मनाव, अनुजन्मन् पुं० नानो भाई
अनुप्रहित वि० पाछळ मोकलेल अनुज्ञात वि० परवानगी के संमति अनुप्लु १ आ० –नी पाछळ दोडवू; आपेलु (२)शीखवेलु; भणावेलु
अनुसरQ अनुज्ञान न० परवानगी; संमति अनुभाषितृ वि० जवाबमां बोलतु के कहेतुं अनुतर्ष पुं० तरस ; पीवानी इच्छा (२) अनुमंत वि० अनुमति आपनाएं; थवा तृष्णा (३) मद्य ; दारू
देनाएं अनुत्तरंग वि० मोजांथी कंपतुं नहि अनुमंत्र १० आ० मंत्र वगेरे बोली विदाय तेवू; स्थिर; अक्षुब्ध
करवू; आशीर्वाद आपी विदाय करवू अनुत्सूत्र वि० सूत्र के नियम बहारनुं अनुमात्रा स्त्री० निर्णय ; निश्चय नहि तेवू; अनियमित नहि तेवू अनुमार्गम् अ० मार्गे; रस्ते अनुदार विल पत्नीने वळगी रहेतुं के अनुयात्र न०, अनुयात्रा स्त्री० अनुयायी पत्नी वडे अनुसरातुं (२) अनुकूळ के वर्ग (२) पाछळ जवु - अनुसरवू ते लायक पत्नीवाळं
अनुयात्रिक पुं० अनुयायी; हजूरियो। अनुदित वि० न कहेलु के उच्चारेलू अनुयुक्त वि० पगारदार शिक्षक पासे
(२) उदय न पामेलु ; न देखातुं भणतुं अनुद्धत वि० उद्धत नहि तेवं ; विनयी अनुयुंजक वि० अदेखं ; ईर्ष्याळ अनुद्रष्ट्र वि० हितेच्छु; हित करनाएं अनुयोक्त पुं० पगारदार शिक्षक अनुध्येय वि० शुभेच्छा दर्शाववा योग्य; अनुरागवत् वि० प्रेममां पडेलु ; आसक्त कृपा करवा योग्य
अनुराधपुर न० जुओ पृ० ५९७
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