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अवसि अवसित वि० पूर्ण थयेलु (२) जाणेलं; निश्चित ; खातरी करेलु (३) सारी
रीते बांधेलं अवसृज् ६५० फेंकवू (२) काढी मूकवू; छुटुं करवू (३) तजवू पडतुं मूकवू (४) सर्जq; घडवू [आपेलं (२)त्यागेलं अवसष्ट ('अवसृज् 'न भू० कृ०) वि० अवसेक पुं० अभिषेक करवो ते; पाणी छांट ते
अभिषेकनुं जळ अवसेचन न० पाणी छांट, ते (२) अवसो ४५० [अवस्यति पूरुं करवू;सिद्ध करवू (२)निश्चय करवो; समजवू (३) ऊतरवू; मुकाम करवो (४) नाश करवो (५) निष्फळ जवू; अंत आववो (६) जाणवू (७) मुक्त करवू; छोडवू (८) दृढ रहेवू; आग्रही रहे अवस्कर पुं० विष्टा (२) गुह्य भाग (३) कूडोकचरो
मारवो अवस्कंद १५० हुमलो करवो (२) कूदको अवस्कंद पुं०, अवस्कंदन न० आक्रमण; हुमलो (२) ऊतरवू ते (३) लश्करनी
छावणी (४) आरोप ; आक्षेप अवस्क ६ उ० [अवस्किरति-ते] खणq;
खोतरवू अवस्तरण न०, अवस्तार पुं० ढांकण;
आच्छादन (२) पाथर| अवस्तु न० नकामी- तुच्छ वस्तु (२)
सत् न होवू ते; मिथ्यापणुं अवस्तु ९ प० [अवस्तृणाति ] पाथर
(२) ढांकवु (३) व्यापवू अवस्था १ आ० [अवतिष्ठते रहेQ (२) वळगी रहेवू; अनुसर (३) जीवता रहेQ (४) स्थिर ऊभा रहेवू; थोभवू (५) अळगा थर्बु- रहे,
-प्रेरक० [अवस्थापयति-ते मूकवू; राखवू; स्थापित करवू (२) स्थिर करवू; दृढ करवू; आश्वासन आपq (३) छूटुं पाडवू; जुदुं करवू
अवाक् अवस्था स्त्री० स्थिति; हालत (२) परिस्थिति (३) दशा; भूमिका (४) स्वरूप; आकार (५) प्रमाण (६) स्थिरता; दृढता अवस्थाचतुष्टय न० बाल्य, कौमार, यौवन अने वार्धक्य, ए चार दशाओ अवस्थात्रय न० जागृति, स्वप्न अने
सुषुप्ति, ए त्रण अवस्थाओ। अवस्थाद्वय न० जीवननी बे स्थितिओ
-सुख अने दुःख अवस्थान न० रहे ते (२) रहेठाण; निवास (३) स्थिति (४) दृढता; स्थिरता (५) आधार ; टेको अवस्थित वि० रहेढुं; वसेलुं (२) दृढ ; स्थिर (३) सज्ज; तत्पर (४) स्थिर; निश्चेष्ट (५) व्यवस्थित अवस्थिति स्त्री० रहे, ते (२)निवास अवहन् २ प० मारी नाखवू नाश करवो;
दूर करवू (२) झूडवू; छड अवहार पुं० चोर (२) झूड; मगरमच्छ ; ग्राह (३) युद्धविराम ; लश्करने रणमेदानमांथी खसेडी लेवं ते (४) बोलाव-निमंत्रq ते (५) थोभqअटकवू ते अवहार्य वि० लई जवा योग्य (२) दंडसजा करवा योग्य (३) पूरुं करवा योग्य (४) पाछु आपवा योग्य ; भरपाई करवा योग्य मश्करी (३) ठेकडी अवहास पुं० स्मित; हास्य (२) मजाक; अवहित वि० मूकेलं (२) एकाग्र; सावधान (३) प्रख्यात अवहेल पुं०, अवहेलन न०, अवहेलना, अवहेला स्त्री० अपमान; अनादर; तिरस्कार अवंति (-ती) स्त्री० माळवानी प्राचीन
राजधानी-हाल- उज्जन अवंध्य वि० सफल; फलोत्पादक अवाक अ० नीचे (२) दक्षिण तरफ
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