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वृत्र ६२४
शता वृत्र पुं० त्वष्ट्र प्रजापतिना पुत्र विश्व- वैशंपायन पुं० एक ऋषि. याज्ञवल्कयना रूपने इंद्रे मार्यो, तेथी इंद्रने मारवा मामा तथा गुरु. व्यासजीना एक अग्नि पासेथी तेमणे मेळवेलो पुत्र. प्रख्यात शिष्य. पुराणो संभळाववामा पछी तेने इंद्रे वज्रथी मार्यो हतो. निपुण. जनमेजयने महाभारत संभवृषकेतु पुं० कर्णना पुत्रनुं नाम.
ळावेलं. वृषपर्वन् पुं० असुरोनो राजा; शर्मि- वैशाली स्त्री० (तिर्हत) मुझफ्फरपुर ष्ठानो पिता. शुक्राचार्यनी मददथी जिल्लाना दक्षिण भागमां आवेलो तेणे देवो साथे युद्ध करेलु.
प्राचीन प्रदेश. तेनी उत्तरे विदेह अने वृष्णि पुं० यदुवंशीय एक राजा. दक्षिणे मगध. वैशाली तेनी राजधानी. श्रीकृष्णना पूर्वज.
व्यास पुं० पराशरथी सत्यवतीने (कुंवारी वेणा, वेणी, वेण्या, वेण्या स्त्री० (१)
अवस्थामां) थयेल पुत्र. वेदोनो कृष्णाने मळती एक नदी.(२)नागपुर
विभाग करनार. महाभारतना कर्ता. जिल्लानी वैनगंगा नदी; गोदावरीनी
तेमणे विचित्रवीर्यनी स्त्रीओमां शाखा.
धृतराष्ट्र अने पांडु ए पुत्रो उत्पन्न वेत्रवती स्त्री० विध्याद्रिमांथी नीकळती
कर्या. तेमने जन्मती वखते माताए नदी. हालनी बेटवा (माळवामां).
नदीनी वच्चेना द्वीपमां तजी दीधेला वेन पुं० सूर्यवंशी राजा; पृथुनो पिता.
तेथी ते 'द्वैपायन' अने काळा होवाथी यज्ञनी बंधी फरमावतां ऋषिओए
'कृष्ण द्वपायन' नामे पण ओळखाय छे. तेनो वध करेलो.
व्रज पुं० मथुरा नजीक आवेलं गोकुल. वेस्सनगर न० (भोपाल) सांचि नजीकनुं आजनुं बेसनगर. भिलसाथी
त्यां बचपणमां श्रीकृष्ण नंदने घेर
ऊछरेला. त्रण माईल दूर. बेस अने बेटवाना। संगम उपर. दशार्णनी प्राचीन
शकस्थान न० सिस्तन, ज्यां शको राजधानी.
पहेलवहेला आवीने वस्या. वैजयंत न० निमिराजानी नगरी.
शकुनि पुं० गांधार देशना सुबल राजानो मिथिलानुं जूनुं नाम.
पुत्र. गांधारीनो भाई. दुर्योधननो वैजयंती स्त्री० उत्तर कानडा, बन
मामो. एणे दुर्योधनने द्यूत रमवा वासी. कदंबोनी राजधानी. केटलाक
प्रेर्यो हतो. कपटद्यूत रमवामां कुशळ. तेने दक्षिणना विजयदुर्ग तरीके
सहदेवने हाथे मार्यो गयो. ओळखावे छे.
शकुंतला स्त्री० विश्वामित्र- मेनकानी वैतरणी स्त्री० आ नामनी घणी नदीओ
कन्या. मेनका जन्म पछी तेने छोडी छे. महाभारतमां कलिंग देशमां
गई; तेथी कण्व ऋषिए तेने उछेरी. आवेली एक वैतरणीनो उल्लेख छे.
दुष्यंत साथे गांधर्वविवाह कर्या. बीजी दंतुरानो ऊगम नासिक पासे छे.
सर्वदमन - भरत तेनो पुत्र. .. वैद्यनाथ पुं० अत्यारनापंजाबनो कांगरा शक्ति पुं० वसिष्ठ-अरुंधतीनो पुत्र; जिल्लो. तेने कीरग्राम पण गणवामां पराशरनो पिता. आवे छे.
शतQ पुं० पंजाबनी सतलज नदी. वैवस्वत पुं० सातमा मनु. इक्ष्वाकुना वसिष्ठ त्यां डूबी मरवा गयेला त्यारे पिता. हालमां तेमनो मन्वंतर चाले छे. ते नदी सेंकडो प्रवाहोमां छिन्नभिन्न
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