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वाकाटक
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विदुर वाकाटक पुं० बंगाळना अखात अने मां तेने प्रद्योतनी पुत्री कही छ; श्रीशैल्य पर्वत (दक्षिण हैदराबाद) ‘कथासरित्सागर'मां तेने उज्जयिवच्चेनो देश. आना राजाओ २५०- नीना चंडमहासेननी पुत्री कही छे. ५२५ दरम्यान विदर्भ उपर राज्य वत्सराज उदयन तेनुं हरण करी करता हता.
गयेलो. भवभूति एम जणावे छे के वात्स्यायन पुं० 'कामसूत्र'नो कर्ता. तेनो संजय राजा साथे विवाह थयेलो ई. स. पूर्वे २ जा सैकामां थई गयेलो पण ते पोते उदयनने वरेली. सुबंधुनी केटलाक माने छे, तो केटलाक तेनो वासवदत्ता वळी जुदी ज कथानी समय ई. स. ना ४था सैकामां मूके छे. नायिका छे. वामन पुं० विष्णुनो पांचमो अवतार. वासुकि पुं० प्रसिद्ध सर्पराज - नाग. बलिराजानो निग्रह करवा माटे कश्यपनो पुत्र. ठींगणुं रूप धरेलुं. त्रण पगलांमां वालिक, वाहलीक अंत्यार- बल्ख. त्रिलोक व्यापी लई, बलिने पाताळमां रामायणमा जणाव्या प्रमाणे आ देश दबावेलो.
अयोध्या अने केकयनी वच्चे आवेलो. वामनभट्ट बाण पुं० 'पार्वतीपरिणय', तेनुं बीजुं नाम 'बाल्हीक' पण छे. 'नलाभ्युदय' वगेरेना कर्ता. बाण 'त्रिकांडशेष' ना जणाव्या प्रमाणे कवि जेवी शैली होवाथी 'अभिनव वाहलिक अने त्रिगर्त एक ज देशनां बाण' तरीके ओळखाय छे. त्रिलिंग
नाम छे. देशना वेन भूपालना दरबारनो कवि.
विचित्रवीर्य पुं० भीष्मनो ओरमान १५मा सैकाना पूर्वार्धमां थई गयो.
भाई; धृतराष्ट्र-पांडुनो पिता. तेना वारणावत न० हस्तिनापुर नजीक एक
मृत्यु पछी तेनी पत्नी अंबिका अने स्थळ.
अंबालिकाथी व्यासजीए ए बे पुत्रो वाराणसी स्त्री० बनारस. वारणा अने उत्पन्न करेला. असि नदीना संगम उपर छे. पण
वितस्ता स्त्री० जेलम नदी. पहेलां गंगा अने गोमतीना संगम उपर विदर्भ पुं० अत्यारनुं वराड. प्राचीन हतुं. काशी देशनी राजधानी.
समयनुं महान राज्य. कृष्णाना किनावालि पुं० मोटो वानर राजा. सुग्रीवनो राथी मांडीने नर्मदाना किनारा सुधीनुं. मोटो भाई. रामे तेनो वध करी, तेनी कुंडिनपूर प्राचीन राजधानी. वरदा पत्नी ताराने सुग्रीव साथे परणावी. नदी तेना बे भाग पाडती. उत्तरना वाल्मीकि पुं० आदि कवि. रामायणना भागनी राजधानी अमरावती; अने कर्ता. नारदे तेमने भक्तिने मार्गे दक्षिणनी प्रतिष्ठान. पुराणोमां आवता वाळेला. सीतानो परित्याग कर्यो भोज राजाओ विदर्भना हता. प्राचीन त्यारे ते आ ऋषिना आश्रमे रहेलां समयमां भोपाल तथा नर्मदानी उत्तरे अने तेमणे तेमना बे पुत्रो लवकुशने भिलसानो समावेश विदर्भमां थतो. उछेरेला अने तेमने पछी रामायण विदिशा स्त्री० माळवानुं भिलसा. शीखवेलं.
प्राचीन दशार्ण देशनी राजधानी. वासवदत्ता स्त्री० अनेक लोककथाओ भोपाळनी ईशानमा ३० माईल उपर. तेनी आसपास गूंथाई छे. 'रत्नावली' विदुर पुं० विचित्रवीर्यनी पत्नी
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