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मणिपुर वखत गंगानी दक्षिणे पण विस्तरेलो हतो. सिंगभूम सुधी. मणिपुर न० बभ्रुवाहनना राज्य कलिंग
नी राजधानी. सरोवरना मुख आगळ बंदर. मत्स्यदेश पुं० विराट राजानो देश. धोलपुरनी पश्चिमे. पांडवो तेमां रोहितक अने शूरसेनोना देशमां थईने यमुनाना किनारेथी दाखल थया हता. वैराट तेनी राजधानी (आज- बैरात. जैपुरथी ४० माईल उत्तरे). मद्र पुं० पंजाबनो एक देश. रावी अने चिनाबनी वच्चे. तेनी राजधानी शाकल. मधु पुं० (१) एक राक्षस. तेने विष्णुए मारेलो तेथी तेमनुं नाम 'मधुसूदन'. (२) यदुवंशीय एक प्रसिद्ध कुळ. तेथी श्रीकृष्णतुं नाम 'मधुपति'. मधुपुर न० मथुरा. मधुवन न० यमुनाना तीरे आवेलं एक वन. तेमां मधु नामनो राक्षस रहेतो हतो. आ वननो ज पछी शूरसेन देश थयो. शत्रुघ्ने त्यां मथुरा स्थापी. मध्यदेश पुं० कुरुक्षेत्रमा सरस्वती, अल्हाबाद, हिमालय अने विध्य वच्चेनो प्रदेश. पंचाल, कुरु, मत्स्य, यौद्धय, पटच्छर, कुन्ति अने शरसेन -आ देशोनो समावेश मध्यदेशमां थतो. मध्व पुं० एक वैष्णव पंथना प्रवर्तक
आचार्य. ब्रह्मसूत्र उपर भाष्य रच्युं छे. मनु पुं० प्रजापति. स्वायंभुव. मनुष्योमानवोनो पिता. दरेक कल्पमा १४ मनु थाय. प्रथम मनु ते स्वायंभुव मनु. सातमा मनु वैवस्वत मनु (सूर्यथी जन्मेला) कहेवाय छे. ते अत्यारनां प्राणीओना उत्पादक कहेवाय छे. विष्णुए मत्स्यावतार लईने तेमने
मल्लदेश पूरमांथी बचावेला. ते अयोध्याना सूर्यवंशी राजाओना स्थापक छे. दरेक मनुनो समय 'मन्वंतर' कहेवाय छे. तेवां १४ मन्वंतर होय छे. दरेक मन्वंतरनो समय ४,३२०,००० मानववर्षनो गणाय अर्थात् ब्रह्माना दिवसनो १४ भो माग. मम्मट पुं० 'काव्यप्रकाश' नो कर्ता. काश्मीरनो वतनी पण बनारसमां शिक्षण लीधेलु. ११मा सैकामां थयेलो. मय, मयासुर पुं० असुरोनो शिल्पी. खांडववन बाळती वखते तेने अर्जुने बचावी लीधेलो; तेथी तेणे पांडवोने
राजसभा बांधी आपेली. मयूर पुं० 'सूर्यशतक' नो कर्ता. बाणनो निकटनो संबंधी अने बने हर्षना
दरबारमा साथे. मरीचि पुं० कश्यपना पिता; दश
प्रजापति पैकी एक. मर पुं०, मरुस्थली स्त्री० मारवाड. सिंधनी पूर्व- महारण. आखा रज
पूताना माटे पण ए नाम वपराय छे. मलज, मलद पुं० अयोध्या अने मिथिला ए बेनी बच्चेनो देश. शहाबाद जिल्लानो पूर्व भाग. ताटका राक्षसी त्यां रहेती हती. मलय पुं० भारतनी सात मुख्य पर्वतमाळाओमांनी एक. घणुंखरूं तेने मैसूरथी दक्षिणे लंबाती अने त्रावणकोरनी पूर्व सरहद बांधती घाटनी पर्वतमाळा गणवामां आवे छे. त्यां चंदननां झाड खूब थाय छे. भवभूति एम कहे छ के, तेनी आसपास कावेरी नदी वीटळाती. ('कावेरीवलयितम्'.) कालिदास मलय अने दर्दुर ए बे पर्वतोने दक्षिण भूमिना बे स्तनो कहे छे. मल्लदेश पुं० मुलतान जिल्लो. तेनी राजधानी मुलतान.
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