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नोभाई
५६४ सुंद पुं० एक राक्षस; उपसुंदनो भाई वीधेलु (२) दर्शावेलु; सूचवेलु; सुंदर वि० देखावडु; मनोहर (२) जगावेलु (३) अभिनय इ० थी प्रगट खरं; साचुं
करेलुं - जणावेलु सुंदरी स्त्री० सुंदर स्त्री
सूचिभिन्न वि० (कळीनी) अणी आगळथी सू २, ४ अ० जन्म आपको; उत्पन्न खीलेलु-ऊघडेलु करवं; बहार लाव, (२) ६५० उश्के- सूचिभेद्य वि० सोयथी वधवा योग्य
प्रेरवु (३) चूकते करवु (ऋण) (२) खूब गाढुं; निबिड सू वि० (समासने अंते) जन्म आपतुं;
सूचिशिखा स्त्री० सोयनी अणी उत्पन्न करतुं इ०
सूची स्त्री० जुओ 'सूचि' सूकर पुं० डुक्कर; भूड
सूच्या न० सोयनी अणी सूकरी स्त्री मुंडण; भंडणी
सूत् अ० एवो अवाज थाय तेम सक्त वि० सारूं कहेलं; ठीक कहेलं (घोरवा वगेरेनो नाकथी थतो) (२)न० सुभाषित; डहापणभरी वात सूत ( 'स' नु० भ० कृ.) वि० जन्म (३)वेदनुं स्तोत्र - मंत्रसमूह
आपलं; पैदा करेल (२) पुं० सूक्ति स्त्री० सारी मित्रताभरी वात
सारथि (३) क्षत्रिय नो ब्राह्मण (२) सुभाषित
स्त्रीयी थयेलो पुत्र (सारथिन काम सूक्ष्म वि० झीj; बारीक; अणु जेवू
करे छे) (6) वैश्यनो क्षत्रिय
पत्नीथी थयेलो पुत्र (चारण(२) नानू (३) पातळु; नाजुक (४) सुंदर (५) अणीदार; तीक्ष्ण (६)
काम करे छे) (५) चारण (६) चोकस ; खरं (७) चालाक ; कुशळ
न्यामनो एक शिप्य (७) संजय
सूतक न० जन्म (२) जन्म वगेरेथी सूक्ष्मदर्शिन्, सूक्ष्मदृष्टि वि० तीक्ष्ण
लागती अशुद्धि दृष्टिवाळ (२) बारीक विवेकशक्ति
सूतपुत्र पुं० कर्ण (२) संजय । वाळू (३) तीक्ष्ण बुद्धिवाळं
सूति स्त्री० जन्म; सुवावड; प्रसव; सूक्ष्मदेह पुं० लिंगदेह ।
जनन (२) संतति; संतान (३)
मूळ ; उत्पत्तिस्थान (४) फळ आपवू सूक्ष्मशरीर न० लिंगदेह
ते; पाक उत्पन्न थवो ते सूच १० उ० वींधवू (२) दर्शाववं
सूतिका स्त्री० जेणे बाळकने तरतमां (३) प्रगट करी देवं; खुल्लं पाडी
जन्म आप्यो होय तेवी स्त्री; सुवावडी देवु (४) सूचवq (५) अभिनय करवो
सूतिकागृह न० सुवावडीनो ओरडो सूचक वि० दर्शावतुं; बतावतुं (२)
सूती स्त्री० जुओ 'सूति' खुल्लू पाडी देतुं
सूत्र १० उ० गूंथर्बु (२) वीटयूँ (३) सूचन न०, सूचना स्त्री० वींधवं ते
बांधवू (४) सूत्र रूपे टूकमां रच (२) दर्शाव, ते (३) प्रगट करी
(५) गोठव@; योजना करवी देवं ते (४) अभिनय
सूत्र न० दोरो (२) तंतु (३) तार(४) सूचि स्त्री० वींधq ते (२) सोय (३)
पूतळीना संचालन माटेनो तार के अणी ; अणीदार छेडो (४)एक व्यूह- दोरो (५) जनोई (६)प्राचीनशास्त्ररचना (५) अनुक्रमणिका; विषयोनी कारोए' रचेल मूळ संक्षिप्त वाक्य यादी; सांकळियु
के तेनो ग्रंथ (७) नियम; व्यवस्था सूचित ('सूच' नुं भू० कृ०) वि० (८) कंदोरो (९) सूचन; चिह्न
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