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अवांतर अांतर न० बीजो अर्थ (२) बीजो हेतु (३) नवो विषय ; नवी बाबत के बनाव अयित वि० मागेलं; याचेलं (२) इच्छेलं (३) न० विनंती; याचना । अथिता स्त्री०, अथित्व न० याचकपणुं (२) विनंती; याचना (३)इच्छा अथिन् वि० याचनारु (२) इच्छनारुं; इच्छावाळू (३) भिक्षुक; याचक (४) फरियादी; वादी अर्थोय वि० (समासमां) -ने माटे नियत
थयेलु (२) ने माटेनें; -ना संबंधी अर्योल्मन् पुं० धननी गरमी अयं वि० मागवा लायक (२) वाजबी; न्यायी (३) सार्थक ; सप्रयोजन (४) साचु (५) समृद्ध (६) पैसा प्राप्त करवामां चतुर अई १५० दुःख देवू; ईजा करवी; मारी नाखवू (२) विनंती करवी; याचवं (३)ज; खसर्बु (४) क्षुब्ध थq (५) वेरावु (६) १०प० पीडा आपवी; दुःख आपर्व (७) हणव: मारवं;मारी नाखवू (८) क्षुब्ध करवू; जोरथी डखोळवं अर्वन वि० दुःख देनारु (२) नाश करनालं अदित वि० ठार मारेलं; पीडेलु (२)
गयेलं (३) याचेलं अर्घ वि० अर्धं (२) पं०, न० अधों भाग अर्घचंद्र वि० बीजना चंद्रना आकारन (२) पुं० बीजनो चंद्र (३) पंजानो अर्धचन्द्र जेवो आकार (कशुं पकडवा करातो) (४) अर्धचंद्राकृति बाण अर्धचंद्र दा ३ उ० बोची पकडीने काढी
अर्धाग न० अर्धं शरीर अघदू पं० अर्धचंद्र; बीजनो चंद्र अदुमौलि पुं० शंकर अर्थोक्त वि० अर्बु उच्चारेलू- कहेलु अर्थोदित वि० अर्धं ऊगेलं-ऊंचं आवेलं
(२) अर्बु उच्चारेलु अर्पण न० –नी उपर मूकवू ते; अंदर मूकवू ते (२) समर्पण करवू ते (३) पाछु आपq ते अर्पित वि० मूकेलं; खोसेलु (२) अपायेलं; सोपेलु(३) पाछु अपायेल (४) कोतरेल; चीतरेल (५) वींधायेलु; भोंकायेलु (६)
लुप्त थयेलं; जतुं रहेलं अर्बुद पुं०, न आबु पर्वत (२) वादळ
(३) दस करोड (४) मांसना लोचा जेवी स्थिति अर्भ पुं० बाटक अर्भक वि० नानु; ट्रंकु (२) मर्ख; बालिश
(३) पुं० बाळक (४) पशुतुं बच्चुं अर्य वि० श्रेष्ठ; उत्तम; संमाननीय (२) वफादार (३) प्रिय; ममता. वाळ (४) पुं० स्वामी; मालिक अर्यमन् पुं० सूर्य (२) पितृओनो राजा अर्वन् पुं० घोडो अकि अ० आ बाजुए (२) अमुक बिंदुथी
(३) पहेला; प्रथम (४)नीचेनी बाजु (५) पछीथी (६) अंदर; नजीक अर्वाच वि० आ तरफk; आ तरफ वळत (२) -नी तरफ वळेलं;-ने मळवा आवतुं (३)आ किनारा उपरतुं (४)नीचे-; पाछळनुं (समय के स्थळमां) (५) पछीनु अर्वाचीन वि० आधुनिक; हाल- (२) ऊलटुं; विरुद्ध (३) पछीनु; पाछळन (४)आ बाजुनु (५)पछी जन्मेलु अर्श पं०, अर्शस् न० हरस अर्ह १५० योग्य होवू ; लायक होवू (२) अधिकार होवो (३) कई करवानी फरज होवी(४) शक्य होवू;
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अर्घनाराच पं० अर्धचंद्राकार बाण अर्घनारीश, अर्धनारीश्वर पुं० शंकर अर्धमागधी स्त्री० जूना जैन धर्मग्रंथो
जेमां लखाया छे ते भाषा अर्षि पुं०, न० एक चतुर्थांश अर्धासन न० अर्धं आसन (२) अति मानपूर्वक सत्कार करवो ते
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