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संभार ५४०
संमत (२)उत्पत्ति अने उछेर (३) कारण संमान (४) अर्पण करीने खुश (४) शक्यता (५)धन; समृद्धि
कर (५) आरोप मूकवो (६) संभार पुं० भेगुं करवं ते; एकळु करवू -मां भाग लेवो; माणवू ते (२) साधनसामग्री (कोई पण -प्रेरक० नुं कर्मणि० शक्य होवू; काम माटेनी)(३) घटक वस्तु(४) संभवित होवू समूह; ढगलो(५)पोषण; पालन (६) संभूत वि० जन्मेलं; बनेलं; उत्पन्न अतिशयता; पुष्कळता
थयेलं (२) -साथ जोडायेलं (३) संभालयति प० (सांभळवू)
लायक ; पूरतुं (४)युक्त ; सहित संभावन न०, संभावना स्त्री० गणवू
संभूति स्त्री० जन्म (२)संयोग; मिलाप मानवं-विचारबुं ते (२) कल्पना;
(३) उचितता; योग्यता (४)विभति बट्टो (३)मान ; आदर (४) शक्यता;
संभूय अ० एकठा मळीने; एक साथे संभव (५) उचितता (६) सामर्थ्य ;
संभूयसमुत्थान न० सहियारो धंधो शक्ति (७)शंका(८)प्राप्ति ।
संभ ३ उ० एकरुं करवू; संग्रह करवो संभावित वि० कल्पेलं; मानेलंविचारेलु (२) संमान्य; संमानित (३)
(२) उत्पन्न करवू (३) पोषq (४)
सज्ज-तैयार करवू (५) अर्पयूँ (६) उचित; लायक (५) मेळवेलं; उत्पन्न
ऊंचु करवू [सज्ज करेलु करेलु (५) आकांक्षा राखी होय तेवू
संभृत वि० एकळं करेलु (२) तैयार - (६)न० कल्पना; मान्यता
संभृति स्त्री० समूह; संग्रह (२)तैयारी संभाव्य वि० शक्य ; संभवित (२) शक्य मानी शकाय के अपेक्षा राखी शकाय
(३) पूर्णता (४) पालन; पोषण । तेवु (३) शक्तिमान; लायक
संभेद पुं० भागी पडq - छुटुं पडी जवू संभाष १ आ० संभाषण करवू; वात
ते (२) जोडाण; संबंध (३) मिलन चीत करवी (२)बोलवू (३) संबोधq
(नजरमुं) (४) संगम (नदीनो) (५) (४)अभिनंदन कर
खीलवं- ऊघडवं ते (६) वाळवू - संभाष पुं०, संभाषण न०. संभाषा
बांधवं ते (मूठी) (७) बळवो; दगो स्त्री० वातचीत; संवाद
संभोग पुं० उपभोग; भोग (२)भोगवटो; संभिद् ७ उ० भांगवू; तोडq; फाडवू;
मालकी (३) रतिक्रीडा; मैथुन । टुकडे टुकडा करवा (२) भेगुं करवू;
संभोजनी स्त्री० सहभोजन (२) तेने जोडवू (३) संकोचवू; दबावq
अंते अपाती दक्षिणा संभिन्न वि० छेक ज तूटेलु (२)क्षुब्ध;
संभ्रम् १, ४५० [संभ्रमति, संभ्रम्यति, भांगी पडेलु (३) संयुक्त; जोडायेलं
संभ्राम्यति] भटकवू; रखडवू (२) (४) पूरेपूरं खोलेलं (५) घन; घट्ट
भ्रममां के भूलमां होवू (३) मूंझावं (६)बेवफा; बळवाखोर
संभ्रम वि० क्षुब्ध (२)गोळ घूमतुं (३) संभू १ प० जन्मवू; उत्पन्न थर्बु (२) पुं० गोळ घूमवू ते (४) उतावळ (५) थवू; होवू (३) बनवू (४) शक्य होवू
चिंता; मूंझवण (६) भय; डर (७) (५)पूरतुं होवु (६)मळवू; जोडावू भूल ; भ्रम ; भास (८)उत्साह; प्रवृत्ति (७) -नी साथे संभोग करवो । (९) आदर; संमान [गाभरु
-प्रेरक० धार; कल्पवू (२) संभ्रांत वि० गोळ घूमतुं (२)मूंझायेलु; गणवू; मानवं (३) आदर करवो; संमत वि० संमति आपेलं (२) प्रिय
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