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________________ ५२५ सरोजिनी -कर्मणि० सफळ थq; सिद्ध थQ सरभसम् अ० शीघ्रताथी (२)खूब प्राप्त थयेलं होवू सरमा स्त्री० कतरी (२) देवोनी कतरी समे २५० भेगा थq; मळवू सरयु (-यू) स्त्री० अयोध्या जेने समेत वि० भेगुं मळेलं; एकळू थयेलु किनारे आव्युं छे ते नदी (२) पासे आवेल (३) युक्त; सहित सरल वि०सरळ; सीधू (२)प्रमाणिक; समेघ १ आ० आबाद थq; समृद्ध थर्बु निष्कपट (३) भोळु (४) पुं० एक -प्रेरक० सुखी करवू (२) पूरु जातनुं देवदार वृक्ष पाडवू; पूर्ण बनावq सरस् न० सरोवर; मोटुंजळाशय (२) समेधित वि० खूब ज वधेलु (२) मज- पाणी (३) वाणी (सरस्वती देवी) बूत (३) संयुक्त सरस वि० रसयुक्त; रसाळ (२) सम्यक् अ० साथे (२)खलं होय तेम; स्वादिष्ट (३) भीy (४) पसीना योग्य होय तेम (३) पूरेपूरुं होय तेम थी भींजायेलं (५) प्रेमपूर्ण; कामी सम्यग्ज्ञान न० साचुं ज्ञान (६) मनोरम (७) ताजु, नवं(८) सम्यग्दर्शन न०, सम्यग्दृष्टि स्त्री० साची गाढुं; नक्कर (९) न० तळाव श्रद्धा (जैन)(२)ऊंडी नजर सरसिज, सरसिरह न० कमळ सम्यच्, सम्यंच वि० साथे जतुं (२) सरसी स्त्री० सरोवर; तळाव . योग्य; उचित (३) साचुं; खरं सरस्वत् वि० पाणीवाळू (२) रसाळ (४) आनंदप्रद; अनुकूळ (६) (३)पुं० सागर (४) सरोवर (५) नद एकसरखं; एकधारु (६) आखं; समग्र सरस्वती स्त्री० वाणीनी देवता (२) सम्राज पुं० सम्राट; राजाधिराज वाणी; शब्द; अवाज (३) एक (राजसूय यज्ञ कर्यो होय तेवो) नदी (जे रणमा हवे लुप्त थयेली छे) सयावक वि० लाखथी रंगेलं (४) उत्तम स्त्री सयुज् वि० साथी; सोबती सरहस्य वि० रहस्ययुक्त; चमत्कारिक सयूथ्य पुं० एक ज टोळानो एवो ते (२)गूढ मंत्र के उपनिषद सहित एवं सर वि० जतुं; खसतुं (२) रेचक सराग वि० रंगीन (२) लाखथी रंगेलं (३) पुं० गति (४)बाण (५) दूध के (३) राग-प्रेम युक्त दहींनी तरी (६) माळा; हार सरित् स्त्री० नदी सरक पुं०, न० रस्तानी चालु रेखा सरित्पति पुं० समुद्र (२) मद्य; दारू (३) मद्यपान (४) सरिद्वरा स्त्री० गंगानदी [प्राणी मद्यपात्र (५) दारू पीरसवो ते सरीसृप पुं० साप; पेटे चालतुं कोई पण सरचा स्त्री० मधमाखी सरूप वि० समान रूपवाळू (२) समान सरट पुं० पवन (२) काकीडो; काचंडो सरूपता स्त्री०, सरूपत्व न० चार सरण वि० जतुं; वहेतुं (२) न० प्रकारनी मुक्तिमांनी एक; देव साथे झडपी गति एकरूप थई जq ते सरणि (-णी) स्त्री० मार्ग; रस्तो (२) सरोज, सरोजन्म न० कमळ - पद्धति; रीत (३)सीधी चाल लीटी सरोजिनी स्त्री० कमळनो छोड़; कमसरभस वि० झडपी; वेगीलू (२) लिनी (२) कमळथी भरपूर तळाव जुस्सादार; आवेशयुक्त (३) कमळनो समूह (४) कमळ . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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