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व्यसनब्रह्मचारिन् व्यसनब्रह्मचारिन् पुं० साथे दुःख भोगवनारो
लागेलं गसनसंस्थित वि० पोतानी लतमां व्यसनातिभार पुं० भारे विपत्ति के संकट व्यसनिन वि० कशानी खोटी लते चडेलं (२)कमनसीब;-नी पीडावाळु (३) कोई पण बाबतमां अतिशय लागेलुं (सनासमां) व्यसु वि० प्राणरहित; मृत व्यस्त वि० उछाळेलु; फेंकेलं (२) विखेरी नाखेल (३) दूर करेलं (४) जुदुं पाडेलु (५) समस्त 'थी ऊलटुंजुदुं जुएं एक एक एq (६) विविध (७) ऊलटुं (जेम के प्रमाण) (८) सादं; समासमां जोडायलं नहि तेवू (शब्द) व्यस्तन्यास वि० करचली पडी गयेलं; पींखाई गयेलं
छे तेवं व्यस्तवृत्ति वि० जेनो अर्थ बदलाई गयो व्यंग वि० शरीर विनानुं (२) एकाद
अवयव विनानुं; पांगळु [वार्छ व्यंगार वि० अंगारा विनानुं ; ठंडा चूलाव्यंगिता स्त्री० एकाद अंग विनाना थर्बु
के होवू ते व्यंग्य वि० आडकतरी रीते सूचित थतुं
(२)न० सूचितार्थ; गर्भितार्थ व्यंज ७ प० स्पष्ट करवू (२) दर्शाव व्यंजक वि० स्पष्ट करनारूं; व्यक्त करनारुं(२)आडकतरी रीते सूचवनाएं (वाचक के लाक्षणिकथी भिन्न) (३) पुं० योग्य चेष्टाथी अंतरनो भाव प्रगट करवो ते (नाटय०) व्यंजन न० प्रगट-स्पष्ट करवं ते (२) निशान; चिह्न (३) याद करावनार वस्तु(४)वेश; सोंग (५) स्वरनी मदद विना जेनो उच्चार नथी थतो ते वर्ण (६) उमरमां आव्यानी निशानी (७) मसालावाळी - चटणी जेवी वानी (८) मसाला माटे वपराती वस्तु (९) शब्दनी व्यंजनाशक्ति
व्याघट्टन व्यंजनधातु पुं० वाद्य वगाडq ते ; वीणा
वगाडवी ते शब्दनी शक्ति व्यंजना स्त्री० व्यंग्यार्थनो बोध करवानी व्यंतर पुं० भूत; एक पिशाच योनि व्यंशुक वि० नग्न ; वस्त्ररहित व्यंस् १० उ० विभाग करवो; वहेंचवू
(२) छेतरवू व्यंसक पुं० ठग व्यंसन न० ठगवू ते (२) वहेंचवू ते व्यंसित वि० छेतरायेलु (२) हारेलु (३)
निष्फळ -बिनअसरकारक बनावेलु व्याकरण न० भाषाना शुद्ध प्रयोगो, नियमो वगेरेनुं शास्त्र (२) पृथक्करण
(३) प्रगट करवं ते । व्याकीर्ण वि० आमतेम फेंकायेलं, वेरा
येलु के वीखरायेलु (२) अस्तव्यस्त व्याकुल वि० गभरायेलं; गाभरं (२)
क्षुब्ध; मूंझायेलु (३) व्यापृत; रोकायेलु (४) चमकतुं; फरकतुं व्याकुलित वि० व्याकुळ के गाभरुं बनेलं व्याकृ ८ उ० प्रगट करवं; स्पष्ट करवू (२)समजावq (३)कही बतावद् (४) छूटुं पाडवू
[विकसित व्याकोश (-१) वि० प्रफुल्लित; व्याक्षिप ६ प० आम तेम उछाळवू -
फेंकवु (२) आकर्षq (मनने) व्याक्षेप पुं० आमतेम उछाळवू ते (२) विघ्न ; रुकावट (३) विलंब (४) बीजी बाजु खेंचाई जर्बु ते (लक्षवें) (५) गाळ (६) फेंक -- नाखवू ते व्याक्षेपिन् वि० हांकी काढतुं व्याख्या २५० कहेवू; जणावq (२) समजाव, (३) नाम पाडवू; कहेवू (४) विवरण कर व्याल्या स्त्री० कहेवू ते (२) विवरण व्याख्यान न० निरूपण (२) विवरण
(३) भाषण व्याघटून न० वलोवq ते (२)घर्षण
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