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विहाय
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विहाय अ० छोडीने; तजीने (२)
छतां (३)-नो अपवाद करीने (४) -थी वधु होय तेम [पंखी विहायस् पुं०, न० आकाश (२) पुं० विहायस पुं० आकाश विहार पुं० लई जर्बु-हरी जq ते (२)
भटकवू ते; फरवं ते; चंक्रमण (३) क्रीडा, खेल; रमत (४) (हाथ - पग इ० )हलावq ते; फेरवq ते (६) बगीचो; उपवन (६) जैन के बौद्ध मंदिर के मठ (७) बिहार देश (८) (यज्ञ करनार) यजमान- घर . विहारदासी स्त्री० भिक्षुणी विहारदेश विहारभूमि पुं० (ढोरने)
चरवा, बीड; चरो विहारवत् वि० -नो आनंद लेतुं विहारिन् वि० विहार-क्रीडा करतुं; : आनंद करतुं (२) वधतुं (३) सुंदर विहित ('वि+धा' न भू० कृ०) वि०
करेलु; आचरेलु (२) गोठवेलं; । नियत (३) आज्ञा करेलु (४) मूकेलं
(५) न० आज्ञा; विधान विहिति स्त्री० आचरण; कृत्य (२) - गोठवणी विहीन वि० तजायेलं (२) विनानुं;
रहित (३) हीन; हलकट विह १५० हरी जq; लई जq (२)
दूर करवू; नाबूद करवू (३) पडवा देवू (आंसु) (४) व्यतीत करवू
(समय) (५) आनंद करवो; क्रीडा __ करवी (६) रहे, विहृत वि० विहार कर्यो होय तेवं
(२)न० विहार; क्रीडा (३)चंक्रमण ब्रिहृति स्त्री० दूर करवू - लई जर्बु
ते (२) विहार; क्रीडा (३) विस्तार विहेठक पुं० हानि करनारो (२)निंदक विहेल -प्रेरक० आ० पजवq विह्वल १५० हालवू; कंपq..
बीत विह्वल वि० क्षुब्ध; व्याकुळ (२)
गाभरु (३) पीडित विद वि० मेळवनाएं; पामनाएं (२)
पुं० दिवस- एक खास मुहूर्त विध्य पुं० एक पर्वत विध्यवासिनी स्त्री० दुर्गानुं एक नाम विशति स्त्री० वीस (संख्या) वी (वि+इ) २ ५० चाल्या जवू; दूर थर्बु (२) व्यय - फेरफार थवो (३) खर्च कर वीकाश पुं० प्रकाश; तेज; कांति वीश् १ आ० जोवू; निहाळवू (२)
गणवू; मानवं वीक्षा स्त्री० -तरफ जोवं ते (२)
तपास (३) ज्ञानशक्ति (४) बेहोशी वीक्षण न० आंख वीक्षणा स्त्री० दृष्टि ; नजर (२) तपास . वीक्षित न० दृष्टि; नजर वीचि पुं०, स्त्री० तरंग; मोजु (२)
फुरसद (३) आनंद (४) चंचळता वीचिक्षोभ पुं० मोजांओनुं ऊछळवू ते वीची स्त्री० मोजु; तरंग वीज १ आ० जवू (२) १० उ० पंखा
थी पवन नाखवो (३) पंपाळवू वीजन न० पंखो नांखवो ते (२) पंखो वीटा स्त्री० गिल्ली दंडो(२)तप माटे मोमां रखातो धातु के पथ्थरनो गोळो वोटि, वोटिका, वीटी स्त्री० पाननी बीडी (२) चोळीनी गांठ वीणा स्त्री० एक तंतुवाद्य वीणापाणि पुं० नारद वीणावाद पुं० वीणा वगाडनारो वीणिन् वि० वीणा वगाडतुं वीत ('वि + इ'न भू० कृ०) वि० मयेलं ; विदाय थयेलु (२)जवा दीधेलु; छूटुं करेलु (३) बाद राखेल (४) -विनानु; -रहित (मोटे भागे समासमां उदा० 'वीतशंक') (५)
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