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विवेकपरिपंथिन्
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विशृंखल विवेकपरिपंथिन् वि. विवेकशक्तिने विशारद वि० कुशळ; होशियार; -विवेकबुद्धिने रूंधनारुं
प्रवीण (२) विद्वान ; डायुं (३)प्रसिद्ध विवेकविश्रांत वि०मूर्ख ; डहापण विनानुं (४)प्रगल्भ ; धृष्ट (५)पुं० बकुल वृक्ष विवेकिन वि० विवेकबुद्धिवाळू ; समजु
विशाल वि० विस्तृत; मोटुं; पहोळं विवेचन न०, विवेचना स्त्री० विवेक- (२)-थी भरपूर (३) प्रख्यात विचार (२)विचारणा; चर्चा (३) विशालकुल न० खानदान कुटुंब निश्चय; निर्णय
विशाला स्त्री० उज्जयिनी नगरी विवोढ़ पुं० वर(२)जमाई
विशालाक्ष पुं० महादेव (२) विष्णु (३) विव्वोक पुं० जओ 'बिब्बोक'
गरुड
पुं० बाण विश ६ प० प्रवेशq; पेसवु (२)प्राप्त
विशिख वि० शिखा - टोच विनानु(२) . थq; भागे आवq
विशिष् ७५० जुदं पाडवू-तारवयु (२) विश् पुं० वैश्य (२) माणस (३)लोक वधारवू (३) चडियाता थवू (४)स्त्री० प्रजा (५) जाति; वंश
--कर्मणि० जुदा हो; चडियाता होवू (६)पुत्री (७)संपत्ति
विशिष्ट वि० विशेषताबाळं; असाधाविशद वि० स्वच्छ; निर्मळ (२) श्वेत रण (२) निराळ; खास (३) -थी (३)कांतिमान; सुंदर (४) स्पष्ट; प्रगट युक्त (४) उत्तम; विलक्षण (५) (५)चितारहित; प्रसन्न (६) कुशळ पुं० विष्णु (७)पुं० सफेद रंग (८) एक जातनी विशीर्ण वि० टुकडा थई गयेलं (२) गंध (९)एक जातनो स्पर्श
क्षीण थयेलं; करमाई गयेलु (३) विशन न० -मां पेसवं ते
गरी पडेलु(४)खर्ची के उडावी दीधेलं विशल्य वि० चिंता के मुश्केलीमाथी विशीर्णमूर्ति वि० जेनु शरीर नाश
मुक्त एवं (२) कांटा के बाण विनानुं पाम्युं छे तेवू (२) पुं० कामदेव विशस् १५० कापी नाखवं । विशुद्ध वि० शुद्ध करेलु के थयेलु (२) विशसन न० वध; कतल (२) नाश निर्दोष ; पापमुक्त (३) निष्कलंक; (३) युद्ध (४) पुं० तरवार
निर्मळ _
[शीलवाळं विशस्त वि० कापेलं (२) उद्धत (३) विशुद्धसत्त्व वि० पवित्र अंतःकरण के
प्रशंसित;प्रसिद्ध कल्पना करवी विशुद्धि स्त्री० शुद्धि; निर्मळता; भेळविशंक १ आ० शंका करवी; बीq (२) सेळरहित होवापणुं (२) खरापणुं; विशंक वि० डर विनानुं
चोकसाई (३) भूल दूर करवी ते(४) विशंकट वि० मोटु (२) ताकातवाळं
समानता विशंकम् अ० बीन्या विना
विशुध् ४५० पवित्र - शुद्ध थवं विशंका स्त्री० संशय; डर
-प्रेरक० शुद्ध करवू (२)शंकामांथी विशाख पुं० कार्तिकेय
मुक्त करवू (३) योग्य छे एम विशाखा स्त्री. १६ में नक्षत्र (बे तारा पुरवार करवू
होवाथी द्वि० व० मां वपराय छे) विशून्य वि० तद्दन खाली विशातन न० संहार करवो ते (२) विशल वि० भाला विनानुं
मुक्त-छुटुं करवू ते कतल ; वध विशंखल वि० शृंखला-बंधन-नियंत्रण विशारण न० फाडवू-चीरवू ते (२) विना (२) स्वच्छंदी
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