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आगळ वडवामुख नामनी बखोलमांथी भभूके छे)
वडवाभर्तृ पुं० उच्चैःश्रवा घोडो वडवामुख पुं० दक्षिण ध्रुव पासे पाताळ लोकमां जवानुं प्रवेशद्वार (२) त्यांथी भभूतो asatfo
वणिक्कटक पुं० काफलो; संघ वणिग्ग्राम पुं० वेपारीओनुं मंडळ वणिग्वृत्ति स्त्री० वेपार वणिज् पं० वेपारी; वणिक वणिज्य न०, वणिज्या स्त्री० वेपार वत् वि० मालकी, युक्त होवापणुं वगेरे अर्थो बताववा लगाडातो प्रत्यय ( २ ) अ० - नी पेठे; प्रमाणे - एवो अर्थ बताववा नाम के विशेषणने लागे छे वतंस पुं० जुओ' अवतंस '; आभूषण तु अ० 'चूप' एवा अर्थनो उद्गार वत्स पुं० वाछरडुं; पशुनुं बच्चु (२)
करो, बेटो (वहालमां संबोधन) (३) संतान ( ४ ) एक देश ( उदयन राजानो; कौशांबी तेनी राजधानी) (५) ब० व० ते देशना लोको
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वत्सतर पुं० वाछरडो; जुवान बळद वत्सतरी स्त्री० वाछरडी; जुवान गाय
( जेणे बच्चांने हजु जन्म नथी आप्यो ) वत्सर पुं० वर्ष; साल वत्सराज पुं० वत्स देशनो राजा वत्सरूप पुं० नानुं वाछरडुं वत्सल वि० संतान प्रत्ये मायाळु (२) स्नेहाळ (३) न० ममता; वत्सलता वत्सलयति प ० (वात्सल्यभाववाळं करवुं) वत्सा स्त्री० वाछरडी (२) नानी छोकरी ( वहालमा ) [वस्था वत्सिन् वत्सिमन् पुं० बाळपण; किशोरावद् १ प० बोलवु; कहेवुं ( २ ) जाहेर करवुं (३)वर्णववुं (४) विधान करवुं (५) दर्शाववुं (६) अवाज करवो; गावुं (७) आ० प्रकाशवुं ( ८ ) प्रावीण्य के प्रामाण्य दाखव
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वध्यशिला
- प्रेरक ० वगाड (वाजित्र) (२) पाठ करवो; बोलवु वदत् वि० बोलतुं; कहेतुं वदन न० मुख; चहेरो वदनपवन पुं० श्वास वदनोदर न० जडबं
वदान्य वि० वक्तृत्व शक्तिवाळं (२) मायाळूपणे बोलनारुं (३) उदार (४) पुं० उदार माणस
aatar fao बोलकj; वाचाळ यदि अ० कृष्णपक्षमां
वघ् १ ५० वध करवो ( ' हन् ' ना विकल्प तरीके मुख्यत्वे वपराय छे) बघ पुं० मारी नाखवं ते ( २ ) प्रहार ( ३ ) गुणाकार (४) विजेता (५) वधक वधक वि० वध करनाएं; नाश करनाएं
(२) पुं० फांसीगरो (३) खूनी वधनिग्रह पुं० देहांतदंड वधस्तंभ पुं० फांसी देवानो मांचडो वार्थी विo as माटेन होय तेवुं;
कतल माटेनुं (२) वध्य (३) वधक वधु स्त्री० पुत्रवधू (२) जुवान स्त्री वघुटी स्त्री० जुओ 'वधूटी' वषू स्त्री० ० परणनार कन्या (२) पत्नी (३) पुत्रवधू (४) कोई पण स्त्री के कन्या ( ५ ) पोतानाथी नानी उमरना सगानी पत्नी (६) मादा (पशुनी) वधूटशयन पुं० कठेरो; बारी वधूटी स्त्री० युवान स्त्री ( २ ) पुत्रवधू वध्य वि० वध करवा योग्य (२) देहांतदंडनी शिक्षा पामेलुं ( ३ ) पुं० जेनो वध करवानो छे ते (४) शत्रु वध्यभू, वध्यभूमि स्त्री० ज्यां फांसी के शूळ अपाय ते स्थान वध्यमाला स्त्री० देहांतदंड आपवानो होय तेने पराववानी माळा वध्यशिला स्त्री० कापी नाखवा माथु जेनी उपर रखाय ते शिला ( २ ) कतलखानुं
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