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अप्रिय
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अभिकम् प्रसंगने अनुकूळ नहि तेवू (२) वयमा अब्रह्मण्य वि० ब्राह्मणने माटे अयोग्य नहि आवेलुं-पुख्त वयनु नहि तेवू .. (२) ब्राह्मणोन विरोधी (३) न. अप्रिय वि० न गमतु; प्रतिकूळ (२) न० दुष्कृत्य ; पापकर्म
प्रतिकूळ वर्तन (३)पुं० शत्रु; विरोधी अभक्ष्य वि० नहि खावा योग्य; शास्त्रमा अप्सरस स्त्री० अप्सरा;स्वर्गनी वारांगना जे खावानो निषेध छ तेवू (२) न० अप्सरस्तीर्थ न० अप्सराओने नाहवानं अभक्ष्य पदार्थ पवित्र स्थळ - तीर्थ
अभद्र वि० अमंगळ ; अशुभ (२) न. अप्सरा स्त्री० जुओ 'अप्सरस्'
पाप; दुष्टता (३) शोक अफल वि० निष्फळ ; व्यर्थ ; निरुपयोगी अभय वि० भयरहित (२) पुं० भय(२) वंध्य (३) पुरुषत्वहीन
मांथी मुक्ति अफलाकांक्षिन् वि० फळनी इच्छा विना अभयदान न० सलामती बक्षवी ते; काम करनाएं
अभयवचन अबद्ध वि० नहि बंधायेलं; छूटुं ; स्वतंत्र अभयवचन न० संरक्षण- वचन आपq ते (२) अर्थशून्य ; असंबद्ध (३) पुं० अभव पुं० उत्पत्तिनो अभाव; जन्मनी अशक्य वस्तु; अनुचित वस्तु
___ अभाव (२) विनाश । अबला स्त्री० स्त्री
अभव्य वि० न बनवान ; न बनवा जेवं अबाध वि० प्रतिबंधरहित; निर्विघ्न (२) दुर्भागी; अभागियु (३) अशिष्ट (२) दुःख रहित
अभागिन् वि० जेनो भाग न होय तेवू अबाधित वि० प्रतिबंध -विघ्न विनानुं (२) अभागी; दुर्भागी
(२) जेनुं खंडन नथी थयुं तेवू अभाव वि० भाव -प्रेम विना (२) अबुद्ध वि० नहि जाणनारूं; मूर्ख (२) अस्तित्व विनानु (३)पुं० न होवु ते
न० चेतनरहित - जड तत्त्व (३) अज्ञान (४) नारा; मृत्यु अबुद्धि स्त्री० अविद्या; अज्ञान(२)मूर्खता अभि अ० तरफ, -नेमाटे, -नी सामे, अबुध स्त्री० अज्ञान; बुद्धिहीनता । उपर, चारे बाजु, घणु, अधिक, उत्तम, अबुध (-ध) वि० अज्ञानी; मूर्ख (२) नजीक, पासे, -ना संबंधमां, -एक पुं० अज्ञानी - मूर्ख माणस
पछी एक - एवा अर्थमां वपराय छ अबोध वि० अज्ञानी; मूर्ख (२) पुं० अभिक वि० विषयासक्त; कामी (२)
अज्ञान ; मूर्खता; बुद्धि न होवी ते पुं० प्रेमी; आशक अब्ज वि० पाणीमां जन्मेलु (२) पुं० । अभिकम् १० आ० प्रेम करवो ; इच्छवं धन्वंतरि (३) चन्द्र (४) कपूर (५) शंख अभिकाम वि० आसक्त ; प्रेमी ; इच्छा (६) न० कमळ (७) अबजनी संख्या राखनार (२) पुं० प्रेम (३) इच्छा अब्जभव,अब्जयोनि पुं० ब्रह्मा (कमळमां अभिकांक्ष १ उ० आशा राखवी (२) जन्मेला)
इच्छवं अब्द वि० पाणी आपनाएं (२) पुं० अभिकांक्षा स्त्री० आशा ; इच्छा वादळ (३) पुं०, न० वर्ष
अभिकृ ८ उ० कर; रचवू (२) -ने अब्धि पुं० समूद्र (२) भंडार (ला) अर्थे करवं अब्धिज पुं० चंद्र (२)शंख (३)न० मीठु अभिक्रम् १ उ० [ अभिक्रामति-क्रमते] अब्धिजा स्त्र लक्ष्मी (२) सुरा; मद्य जवू ; पासे जर्बु (२) ४ प० [अभि
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