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योजयित
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- रक्षस् योजयितृ वि० जोडतुं (२) योजना कर- चालु (३) व्युत्पत्तिसिद्ध (शब्द)
नारु;गोठवनाएं (३) पुं० रत्न जडनारो (४) योग संबंधी के योगथी नीपजेलं योजित वि० झूसरीमा जोडेलु (२) योतक न० खानगी मिलकत (२) लग्न उपयोगमां लीधेलं (३) संबद्ध
वखते स्त्रीने (पोतानी मालकीनी योत्र न० जुओ ‘योक्त्र'
राखवा) अपाती पहेरामणी योद्धव्य न० युद्ध करवा योग्य यौन वि० योनि संबंधो (२) लग्नथी योद्ध पुं० योद्धो; सैनिक
ऊभुं थयेलु (३) न० लग्न (४) योनि; योध पुं० लडवैयो; योद्धो (२) लडाई; उत्पत्तिस्थान (५) गर्भाधान संस्कार संग्राम; युद्ध
यौवत न० जुवान स्त्रीओनो समुदाय योधन न० युद्ध ; लडाई (२)शस्त्र (३) (२)जुवान स्त्रीनो गुण (सौंदर्य इ०)
['बॅरेक' यौवन न० युवानी; जोवन योधागार पुं०, न० सैनिकोनो निवास; यौवनदर्प पुं० जुवानी- अभिमान (२) योधिन् पुं० योद्धो
जवानने स्वाभाविक एवं साहस योनि स्त्री० जननस्थान; गर्भाशय (२) यौवनवत् वि० जोबनवाळ; युवान स्त्रीनुं गुह्यांग (३) उत्पत्तिस्थान; यौवनश्री अ० जुवानीनी सुंदरता मूळ स्थान (४)जाति; जन्मनो प्रकार यौवनस्थ वि० जुवान (२) परणाववा (५) मूळ कारण (६)वासना (७)बीज योग्य (३) ताजु योनिज वि० गर्भाशयमांथी जन्मेलं यौवनारंभ पुं० खीलती जवानी योनिसंकट न० पुनर्जन्म
यौवनांत वि० जुवान अवस्था ज छेवट योषा, योषित, योषिता स्त्री० नारी; सुधी रहे तेवू स्त्री; तरुण स्त्री
पौवनीय वि. जुवानीभयु योगपद्येन अ० एकीसाथे
यौवराज्य न० युवराजनुं पद यौगिक वि० उपयोगी (२) सामान्य यौष्माक, यौष्माकीण वि० तमारं
पं० योद्धो
रक्त ('रंज्'- भू० कृ०) वि० रंगायेलं; रंगेलुं (२) रातुं ; लाल (३) अनुरक्त; आसक्त (४) प्रिय (५) सुंदर; मनोहर (६) न० लोही रक्तकंठ, रक्तकंठिन् वि० मधुर अवाज
वाळं (कोयल) रक्तपट पुं० एक जातनो याचक रक्तमंडल वि० राता बिंबवाळं (२)अन
रक्त प्रजावाळं (३) न० रातुं कमळ रक्ताक्ष पुं० पाडो (२) कबूतर (३)
सारस (४) चकोर पक्षी रक्तापरा स्त्री० किन्नरी
रक्ष १५० रक्षण करवं (२) गुप्त राखवू (३) बचाव, (४) टाळवू (न करवू) (५) पालन करवू (व्रत के प्रतिज्ञा) (६) -थी सावचेत रहे, रक्ष वि० रक्षण करनारं; बचावनाएं रक्षक वि० रक्षण करनारुं; बचावनाएं
(२) पुं० पालक (३) पहेरेगीर रक्षण न० बचावयूँ ते; साचवq ते
(२) पुं० विष्णु रक्षणा स्त्री० रक्षण कर ते रक्षपाल पुं० रक्षण के बचाव करनारो रक्षस् न० राक्षस
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