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मोक्षद्वार ३९०
माँजी (२) बचावq ते (३) ढीलं करवू ते मोहिनी स्त्री० समुद्रमंथन वखते विष्णुए (४) तजq ते (५) फेंकवु के वेरवु ते राक्षसोने मोहित करवा माटे लीधेलं मोक्षद्वार पुं० सूर्य
सुंदर स्त्रीचं स्वरूप मोघ वि० व्यर्थ; निरर्थक (२) असफळ मौकलि, मौकुलि पुं० कागडो (३) हेतु-प्रयोजन विनानुं (४) तजी मौक्तिक न० मोती दीघेलु (५) आळसु
मौक्तिकसर पुं० मोतीनो हार मोधकर्मन वि० व्यर्थ क्रियाविधिमां रत मौक्तिकावली स्त्री० मोतीनी सेर मोघम् अ० नाहक ; व्यर्थ
मौखर्य न० वाचाळपणुं (२)गाळ ; निंदा मोघीकृ ८ उ० निष्फळ बनाव,
मौल्य न० प्रधानपणुं; मुख्यपणुं मोचन लि०-मांथी मुक्त के छूटुं करनारं
मौग्य न० अज्ञता; अणसमज (२) (२) न० मुक्त के छूटुं करवू ते ।
निर्दोषता; भोळपण (३) सुंदरता मोटन न० कचर, दळवू, दबाव, के
मौढप न० मूढता; मूर्खता (२) मूर्जा मरडी नाखवू ते (२) पुं० पवन
मौन न० चुपकीदी; चूप रहेवू ते (२) मोट्टायित न० गेरहाजर प्रियतमनो
खील्या विनानी दशा उल्लेख थतां के तेनी याद आवतां
मौनिन् वि० मौनव्रत पाळनारं स्त्रीथी अजाण्ये दर्शावातां भाव-चेष्टा
(२) पुं० ऋषि; मुनि मोद पुं० हर्ष; आनंद; खुशी (२)सुगंध
मौर्य न० मुर्खता [राजवंश मोदक वि० खुश करतुं; आनंद आपतुं
मौर्य पुं० चंद्रगुप्तथी शरू थयेलो (२) प्रसन्न; खुशी (३) न० लाडु
मौर्व वि० मूर्वा घास, बनावेलु
मौर्वी स्त्री० धनुष्यनी पणछ (२) मूर्वा मोदककार पुं० कंदोई
घासनो बनावेलो कंदोरो (क्षत्रियो मोदन वि० खुश करनारु (२) न०
धारण करे छे) आनंद (३) खुश करवानी क्रिया
मौल वि० मूळy; प्राचीन (२) मोष पुं० चोर; डाकु (२) चोरी;
खानदान कुळन (३)वंशपरंपराथी ते लूट (३) चोरेली वस्तु
पद उपर चालतुं आवेलुं (४) आर्थिक मोह पुं० मूर्छा; बेहोशी (२) मूंझवण
(५) पुं० घरडो के वंशपरंपराथी (३) मूर्खता; मूढता (४) भूल .
चाल्यो आवेलो प्रधान मोहकलिल न० मोहरूपी कीचड मौलि वि० मुख्य ; उत्तम (२) पुं० मोहन वि० मूढ बनावनाएं; मूझवणमां मस्तक; माथानी टोच (३) कोई पण नाखे तेवू (२) मोहित करनाएं (३) वस्तुनो टोचनो भाग (४)पुं०, स्त्री० भ्रमित करनारु (४) पुं० शिव (५) मुगट (५) जटा (६) ओळेला कामदेवनां पांच बाणोमांनुं एक (६) वाळ के अंबोडो न० मूढ बनावq ते; भ्रममां नाखवू ते मौलिक वि० मुख्य ; प्रधान (२) हलका मोहित करवं ते (७) संभोग (८) कुळy ('कुलीन' थी ऊलटुं) शत्रुने भ्रमित करवा वपरातो जादुमंत्र मौल्य न० मूल्य; किंमत मोहित वि० मूढ बनेलं; मूंझायेलुं (२) मौसल वि० गदाथी लडायेलं (युद्ध) मोहित थयेलं; भ्रमित थयेलं
मोहर्त, मौहतिक पुं० ज्योतिषी; जोषी मोहिन वि० मूढ बनावनाएं; {झवणमां मौजी स्त्री० मुंजनी त्रण सेरनो नाखनारु (२) मोहित करनारं बनावेलो(ब्राह्मण वडे पहेरातो)कंदोरो
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