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मुषक
करवं ते
३८४ मुच् वि० (समासने छेडे) छूटुं करतुं मुनि पुं० ऋषि ; तपस्वी (२)व्यास (३)
(२) मोकलतुं ; फेंकतुं; काढतुं; तजतुं अगस्त्य (४) पाणिनि (५) बुद्ध मुचुलिद पुं० एक जातनुं मोटुं संतरं मुनिभेषज न० हरडे (२) उपवास मुद् १५०, १० उ० कचरवु (२)मारवं मुनिवृत्ति स्त्री० तपस्वीनुं जीवन जीवq (३)ठपको आपवो (६५० पण)(४) ते; वानप्रस्थाश्रम
वित १० उ० भेळवq (५) साफ करवू मुनिव्रत न० मौन रहेवानुं तपस्वीओनुं (६)१ आ० आनंद पामवो; हर्षित थQ मुमुक्षा स्त्री० मोक्षनी इच्छा मुद्, मुदा स्त्री० हर्ष; आनंद (२)तृप्ति मुमुक्षु वि० मोक्षनी इच्छावाळु (२) मुदित ('मुद्' मुं० भू० कृ०)वि० हर्षित; तजवा, छोडवा के फेंकवानी इच्छावाळं आनंदित (२) न० आनंद; हर्ष
(३) पुं० मोक्षनी इच्छावाळो मुदिर पुं० मेघ; वादळ
मुमूर्षा स्त्री० मरवानी इच्छा मुद्ग पुं० मग (२) मुद्गर; गदा । मुमूर्षु वि० मरवानी अणीए होय तेवू मुद्गर पुं० हथोडो (२) एक जातनी गदा मुर पुं० श्रीकृष्णे मारेलो एक राक्षस मुद्गरक पुं० हथोडो; पण ।
मुरज पुं० ढोल; मृदंग मुद्र वि० आनंददायक
मुरजित् पुं० मुरारि; श्रीकृष्ण मुद्रण न० मुद्रा- महोर मारवी ते (२) मुरला स्त्री० केरल देशनी एक नदी छाप मारवी- छापवं ते (३) बंध मुरली स्त्री० वांसळी
मुरलीधर पुं० श्रीकृष्ण मुद्रयति प० (छाप मारवी, महोर मारवी; मुरवरिन् पुं० मुरारि; श्रीकृष्ण बंध करी देवं)
मुरारि पुं० श्रीकृष्ण (मुर राक्षसने मुद्रा स्त्री० सील के महोर; तेने माटेनी मारनार) वींटी (२) छाप; चिह्न; निशानी मुर्छ १५० मूर्छा पामवी (२)वधq तीव्र (३) परवानो (४) चलणी सिक्को थएँ; गाढ थर्बु (३)-नी उपर असर (५) चांद; पदक (६) बंध करवू करवी (४)-नी सामे शक्ति होवी के वासी देवू ते (७) पूजा वखते __-प्रेरक० मूर्छित करवू (२) तीव्र आंगळीओ वाळीने कराती आकृति करवू; वधार, (३) मोटो अवाज (८) विशिष्ट रेखाओथी कराती काढवो-वगाडq (वाजिंत्र) आकृति (९) जळपरी
मुर्मुर पुं० ढूंणसां - फोतरांनो अग्नि मुद्रास्थान न० ज्यां मुद्रा (माटेनी वींटी) मुशल न० दंडो
पहेराय छे ते स्थान (आंगळीवें) मुष ९५० चोरवू; लूटवू; लई लेवू (२) मुद्रांकित वि० महोर मारी होय तेवू अपहरण करवू (३) दूर करवू (४)बरमद्रिका स्त्री० नानी महोर के मुद्रा (२) बाद करवू (५) ग्रस्त करवू; ढांकी देवू मुद्रा माटेनी वींटी (३) छाप (४) (६) मोहित कर (७) पाछळ पाडी चलणी सिक्को
देवं (८) छेतर (९) १ प० मारQ मुद्रित वि० छाप मारेलु; महोर करेलु (१०)४ प० चोरवू (११) भागी नाखवू (२)बंध करेलु (३) अणखील्यु
मुष वि० चोरतुं (२) दूर करतं (३) मुधा अं० व्यर्थ ; फोगट ; नाहक (२) पाछळ पाडी देतुं खोटी रीते; मिथ्या
मुषक पुं० उंदर
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