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अनुशय अनुशय पुं० पश्चात्ताप (२) दुःख ; खेद (३) आसक्ति (४) हाडवेर; आदवेर (५) संस्कार; वासना अनुशास् २५० समजाव; शीखवतुं । (२) हुकम करवो (३) राज्य करवू (४)शिक्षा करवी (५) प्रशंसा करवी अनुशासक वि० अनुशासन करनाएं अनुशासन न० शिक्षा उपदेश(२)नियम; कायदो (३) विवरण; समजूती (४) अमल करवो ते; राज्य चलावq ते अनुशासित, अनुशासिन्, अनुशास्तु वि०
अनुशासन करनारं अनशिष्ट वि० शिक्षित ; विनीत (२) पुछायेखें (३) दर्शावायेलु अनुशी २ आ० साथे सूर्बु (२) पस्तावो
करवो अनुशीलन न० सतत अभ्यास अनुच् १५० शोक करवो; पश्चात्ताप करवो
मळेल अनुभविक वि० शास्त्रमाथी जाणवा अनुप ५ प० [अनुशृणोति सांभळवू (२) परंपराथी सांभळता आववं अनुवक्त वि० जोडायेल; वळगी रहेलं अनुवंग पुं० गाढ संबंध (२) साहचर्य (३) पूर्वापर संबंध (४) शब्दोनो परस्पर संबंध (५) अवश्य परिणाम अनुषंगिन् वि० वळगेलं, जोडायेलु (२) परिणामरूपे साथे जनारं-साथे रहेलु अनुषंज् ( अनु + संज् ) १ प० [अनुषजति जोडावं; वळगी रहे।
-कर्मणि अनुषज्यते, अनुषज्जते] (उपरनो ज अर्थ) अनुष्टुभ् स्त्री० एक छंद अनुष्ठा (अनु + स्था) १५० [अनुतिष्ठति] करवू; आचरवु (२) नजीक । ऊभा रहेवु; सेवामां रहे, (३)अनुसरवू; अनुकरण करवू (४)शासन कर, (५) शास्त्रोक्त कार्य विधिपूर्वक करवू
अन्त अनुष्ठान न० क्रिया करवी ते(२)धार्मिक क्रिया (३) कार्यनो आरंभ ; पूर्वतयारी अनुष्ठित वि० करेलु; आचरेलु अनुष्ठेय वि० करवा जेवू; करवान अनुसरण न० अनुसरवू ते अनुसंतन् ८ उ० फेलावं(२) चालु रहे, अनुसंधा ३ उ० शोध; तपासवु (२) शांत पाडवू (३)अनुलक्षवू; विचार (४)अनुसरवू;साथे रहेQ (५)योजवं तैयारी करवी अनुसंधान न० चोकसाई ; बारीक तपास (२)योग्य संबंध (३ योजना; पूर्वतैयारी अनुसार पुं० अनुसरवं ते (२) रूढि ; रिवाज (३) परिणाम अनुसारणा स्त्री० पीछो पकडवो ते; पाछळ जq ते अनुस १५० पाछळ जवू- अनुसरवू अनुस्मृ १ प० स्मरण करवू अनुस्यत वि० -नी साथे जोडायेलंगूंथायलं- सीवेलं - वणायेखें अनुस्वार पुं० स्वरनी पाछळ उच्चारातो
अनुनासिक वर्ण के तेनुं चिह्न () अनुह १५० अनुकरण करवु (२)१ आ० . मळता आव_ नम्र; विवेकी अनचान वि० विद्वान (२)वेद भणेलं (३) अनूदक न० वरसाद न पडवो ते ; सूको
काळ संपूर्ण (२) घणुं मोटुं अनून वि० न्यून के हलकुं नहि तेवुअनूप वि० पुष्कळ पाणीवाळु; भेजवाळू (२) पुं०, न० पुष्कळ पाणीवाळी के भेजवाळी जगा (३) नदीनो किनारो अनूरु वि० जांघ विनानुं (२)पृ० अरुण;
सूर्यनो सारथि अनूरुसारथि पुं० सूर्य अनूह वि० अविचारी अनृण, अनुणिन् वि० ऋणमुक्त अन्त वि० मिथ्या; असत्य (२) न० असत्य; जूठ
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