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प्रेक्षिन्
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प्रोडी प्रेक्षिन् वि० जोतुं; निहाळतुं (२)-ना -प्रेरक० फेंकवु (२) मोकलवु (३) जेवी नजर के आंखवाळू
विदाय कर; काढी मूकवू प्रेत ('प्रे' नु० भू०कृ०)वि० मृत्यु पामेलं प्रेषण न० मोकलq ते (२) सोंपेलु काम (२) पुं० मृत्यु बाद शरीरथी छूटो पार पाडवू ते थयेलो जीवात्मा (३) भूत; पिशाच(४) प्रेषणकृत् वि० सोंपेलु काम पार पाडनारु नरकनो निवासी जीव (५)पितृओ प्रेषणा स्त्री० जुओ 'प्रेषण' प्रेतकर्म न० जुओ ' प्रेतकार्य' प्रेषित ('प्रेष् ' नुं भू० कृ) वि० मोकलेलं प्रेतकाय पुं० मडदूं
(२)प्रेरेलु; दोरेलु (आंख इ०) (३) प्रेतकार्य, प्रेतकृत्य न० मरण पामेलानी
काढी मूकेलं अग्निदाह वगेरे उत्तरक्रिया.
प्रेष्ठ वि० सौथी प्रिय ('प्रिय'नु श्रेष्ठता. प्रेतगोप पुं० मृत लोकोनो रक्षक (यमने
दर्शक रूप) (२)पुं० पति ; प्रियतम त्यांनो)
[ ढोल
प्रेष्य वि० आज्ञा करवा लायक (२)पुं० प्रेतपटह पुं० अग्निदाह वखते वगाडातुं
___ दास (३)दूत प्रेतपति पुं० यमराज प्रेतमेध पुं० पितृओना श्राद्ध माटेंनो यज्ञ
प्रेष्यभाव पुं० दासपणुं . [झूलवू
प्रेख् १५० हालवू; कंपq (२) आम तेम प्रेतराज पुं० यमराज
प्रेख पुं०, न० झूलो; हीचको (२) झूलवू प्रेत्य अ० मरण पछी; परलोकमां
के हीचq ते [ते (३)हींचको प्रेत्यभाव पुं०मृत्यु पछीनी जीवनी स्थिति
प्रेखण वि० भमतुं ; घूमतुं (२) नन्हींचq प्रेत्यभाविक वि० पारलौकिक प्रेप्सा स्त्री० प्राप्त करवानी इच्छा
प्रेखोल् १० उ० हींचq; झूलवू; कंपवू
प्रेखोल पुं०, प्रेखोलन न० झूलवू, हींचQ प्रेप्सु वि० प्राप्त करवानी इच्छावाळं
के कंपq ते प्रेमन् पुं०, न० स्नेह; हेत (२) प्रीति; रुचि (३)पुं० मजाक; हांसी
प्रेयरूपक न० सुंदरता प्रेयस् वि० वधु प्रिय('प्रिय'नू तुलनात्मक
प्रेष्य पुं० दास; नोकर रूप) (२) पुं० प्रेमी; पति (३)प्रिय
प्रेष्यभाव पुं० दासपणुं मित्र (४) पुं०, न० खुशामत (५)हित
प्रोक्त ('प्र+ वच्नुं भू० कृ) वि० कहेलुं;
जाहेर करेलुं; उल्लेखेखें (६)स्वर्ग वगेरे जेवू प्रिय लागतुं फळ (कल्याणकर 'मोक्ष'थी ऊलटुं)
प्रोक्ष ६ प. पवित्र जळ छांटवू (२) प्रेयसी स्त्री० पत्नी; प्रियतमा
छांटीने शुद्ध करवू (३) वध करवो प्रेर् (प्र + ईर्)-प्रेरक० गतिमान करवू प्रोच्चल १ प० चाली नीकळवू;
(२) प्रेर; धकेलq(३) उश्केरवु (४) मुसाफरीए नीकळवू फेंकवु; नाखवू (नजर)(५)मोकलबुं प्रोच्चंड वि. अत्यंत भयंकर प्रेरण न०, प्रेरणा स्त्री० प्रेरवु ते (२) प्रोच्चारित वि० मोटेथी अवाज करतं प्रोत्साहन (३)आंतरिक स्फरण (४) प्रोच्चस् अ० घणा मोटा अवाजथी नाखवं ते (५) मोकलq ते (६)आज्ञा । प्रोच्छल १५० वही नीकळवू प्रेरित ('प्रेर् ' - भू० कृ०) वि० प्रेरेलु; प्रोच्छ्न वि० सूजी के सूणी गयेलु
प्रेरायेलु (२) मोकलेलं (३)पुं० दूत प्रोच्छित वि० घणुं ऊंचुं प्रेष् ४५० आगळ हांकQ (२) उच्चार प्रोज्म (प्र + उज्झ्)६५० त्यागवू ; तजवू बोलq (३) फेंक (४)१ उ० ज प्रोड्डी (प्र + उत् + डी)४ आ० ऊंचे ऊडवू
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