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प्रलुब्ध वि० छेतरनारं(२)छेतरायेखें; ललचायेलं; भ्रष्ट थयेलं प्रलुभ् ४ ५० लोभ करवो; लालसा
करवी (२) ललचावq (३) भ्रष्ट कर प्रलून वि० कापी नाखेल; कपाई गयेखें प्रलेप पुं० लेप प्रलेह पुं० सूरण आदिनी एक कढी प्रलोभ पुं० अत्यंत लोभ, लालसा (२)
ललचावq ते प्रलोभन न० लोभाववं, आकर्षवू के
ललचाव ते (२) ते माटेनी वस्तु प्रलोम्य वि० आकर्षक ; लोभावनाएं प्रलोल वि० खूब हालतुं-कंपतुं . प्रवक्त पुं० शिक्षक; समजावनार (२)
वक्ता (३) बोलनार प्रवचन न० बोलवू-जाहेर करवु ते । (२) शीखवयूँ- समजावq ते (३) विवरण; चर्चा (४) वक्तृत्व (५) शास्त्रग्रंथ; सिद्धांत; दर्शन प्रवण वि० नीचे ढळतुं; नीचे नमतुं; नीचे वहेतुं (२) एकदम सीधुं-ऊ (३)वांकुं वळेलं (४)वलणवाळं (५) आसक्त; लागेलं (६) तत्पर प्रवणीकृ८ उ० अनुकूळ करवू प्रवद् १५० बोलवू; कहेवू; संबोधq
(२) जाहेर कर प्रवप् १ उ० नाखवू (२)वेरवं; विखेरवं प्रवयण न० परोणो (हांकवा माटेनो) प्रवयस् वि० मोटी उमर- (२) पुराणुं प्रवर वि० मुख्य ; उत्तम (२) मोटामां मोटुं (३) पुं० गोत्रप्रवर्तक मुनि (४) वंश; कुळ (५) संतति; वंशज . प्रवरकल्याण वि० घणुं सुंदर प्रवरजन पुं० उत्तम माणस प्रवर्ग पुं० यज्ञनों अग्नि (२) विष्णु प्रवर्दी पुं० सोमयज्ञनो प्रारंभिक विधि प्रवर्तक वि० प्रवर्तावनाएं; स्थापनाएं (२) आगळ वधारनारु (३) उत्पन्न
करनारं(४)प्रेरनारं(५)पुं० स्थापक; उत्पादक; कर्ता (६) प्रेरनार (७) न० पात्रनुं रंगभूमि उपर आवतुं ते प्रवर्तन न० प्रवर्तवं ते; आगळ खसर्बु के वधवंते (२) शरूआत (३) स्थापना (४)प्रेरणा(५)-मां वळगq ते;-मां प्रयत्नशील थर्बु ते (६) बनवू ते; घटना; प्रवृत्ति प्रवर्तना स्त्री कार्यमांप्रेरवं ते प्रवर्तित वि० प्रवर्तावेलु; चलावेलु; घुमावेलु (२) स्थापेलु (३)प्रेरेलु (४) प्रज्वलित करेलु (५) बनावेलुं; रचेलं प्रवतिन् वि० प्रवृत्त थतुं; आगळ चालतुं (२) बनावतुं (३) वापरतुं (४)-माथी नीकळतुं (५) फेलातुं प्रवर्ष पुं० भारे वरसाद प्रवर्षण न० पहेलो वरसाद(२)वरसवू ते प्रवर्ह वि० जुओ 'प्रबह प्रवस् १ प० वास करवो (२) प्रवास
करवो; परदेश जर्बु प्रवसन न० प्रवासे नीकळवू ते प्रवह, १५० वहन करQ प्रवह पुं० नगरथी बहार जq ते (२)एक जातनो पवन (ग्रहोने गतिमान करतो) (३)पाणी जेमां वहीने भेगु थाय ते प्रवहण न० म्यानो; पालखी (स्त्रीओ
माटेनी) (२)वाहन (३)वहाण प्रवलिका स्त्री० जओ 'प्रहेलिका' प्रवाच वि० वक्तृत्वशक्तिवाळु (२)
वातोडियुं (३)बडाश मारनाएं प्रवात वि० अतिशय पवन आवे तेQ (२) न० वहेतो ताजो पवन (३) तोफानी पवन; वंटोळ (४) पवनवाळी जगा प्रवातशयन न० पवनवाळी जगामां
गोठवेली शय्या प्रवातसुभग वि० ताजा वहेता पवनने
कारणे आनंदप्रद एवं प्रवाद पुं० अवाज करवोते; शब्द उच्चारवो ते (२) उल्लेख करवो ते; जाहेर
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