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निःश्वसन
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नीरक्त निःश्वसन, निःश्वसित न०, निःश्वास निःस्वभाव पुं० गरीबाई ; दरिद्रता
पुं० निसासो (२) श्वास बहार काढवो ते नी १ उ० दोरवू (२) लई जq (३) निःसत्त्व वि० सत्त्वहीन; निर्बळ (२) पसार करवू (समय) (४)-स्थितिए हीन (३) मिथ्या; भासरूप (४) पहोंचाडवू (५)तपासीने नक्की करवू अविद्यमान
नी पुं० (समासने छेडे) दोरनार; निःसपत्न वि० शत्रु के हरीफ विनानु मार्गदर्शक ; नेता निःसमम् अ० कसमये (२) दुष्टताथी नीका स्त्री० सींचाई माटेनी नहेर निःसरण न० बहार नीकळवू ते (२) नीच वि० नीचु; नानु; वामणुं (२)
मरण (३)निर्वाण ; मोक्ष (४) उपाय तळेनुं (३) धीम (अवाज) (४) अधम; निःसरणि वि० उपाय के मार्ग विनानं हलकू (५) तुच्छ निःसह वि० थाफेलं (२) असह्य नीचग वि० नीचाण तरफ जतुं - वळतुं निःसंग वि० संग के संबंध विनानू (२) (नदी) (२) अधम ; नीच
निःस्पृह (३) निःस्वार्थ (४) निर्विघ्न नीचैस् अ० नीचे; तळे (२)नम्रताथी; निःसंचार पुं० हरवु-फरवु नहि ते नमीने (३) हळवेथी; धीमेथी (४) निःसंज्ञ वि० बेहोश
- नानू - वामणुं होय तेम निःसंशय वि० संशय वगरनु; नक्की नीड पुं०, न० पक्षीनो माळो (२) पथारी निःसंस्कार वि० असंस्कारी
(३) बखोल (४) वाहननो अंदरनो निःसाधारम् अ० टेका के आधार विना भाग के बेठक (४) आश्रयस्थान निःसार वि० सत्त्वहीन (२) तुच्छ नीडक पुं० पंखी (२) माळो
(३) पुं० बहार जq ते (४) समूह नीत ('नी' न भू० कृ०) वि० लई निःसारण न० बहार काढ ते ; हांकी जवायेलं; दोरी जवायेलु (२) पमा
काढवू ते (२) घरनी बहार नीकळ- डेलं ; पहोंचाडेलु (३) व्यतीत करेलं वानो मार्ग
[काढेलं नीति स्त्री० दोरवं ते (२) वर्तवु ते; निःसारित वि० काढी मूकेलं; हांकी वर्तन (३) शिष्टता; शिष्टाचार (४) निःसीमन् वि० अमर्याद ; अपार
डहापण (५) राजनीति (६) सदाचार निःसूत्र वि० दोरा विनानु (२)आधार नीतिकुशल, नीतिनिपुण वि० राज
के मदद विनानुं [वहेवू ; झर नीतिज्ञ (२) शा[; डायु निःसृ १ प० बहार नीकळवू (२) नीतिमत् वि० राजनीतिज्ञ (२) डायुं ; निःस्नेह वि० चीकट के भेज विनानुं शाणु (३) धर्मनीति अनुसरतुं (२) लागणी विनानुं
नीतिव्यतिक्रम पु० राजनीति के धर्मनिःस्पर्श वि० कर्कश; कठण ।
नीतिना नियमनुं उल्लंघन निःस्पंद वि० निश्चल; स्थिर
नीतिसंधि पं० राजनीतिनी रीत निःस्पृह वि० स्पृहा के दरकार विनानुं नीध्र न० छापरानो छेडानो भाग निःस्रव पुं० सिलक ; बाकी
नीप वि० नीचे आवेलं; ऊंडे आवेल निःस्राव पुं० व्यय ; खर्च (२) भात- (२) पुं० पर्वतनी तळेटी (३) एक
ओसामण (३) बहार वहेवराव ते जातनं कदंबवृक्ष ; तेनं फल (चोमासानिःस्व वि० धनहीन'; गरीब
मां थाय छे) (४) एक राजवंश निःस्वन वि० अवाज विनानुं (२) नीर न० पाणी
[झांखं पुं० अवाज
नीरक्त (नि+रक्त) वि० रंग विनानु;
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